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पूर्व उत्पाद आयुक्त विनय कुमार चौबे की मुश्किलें बढ़ीं, जेल में बंद IAS पर शिकंजा और कसने की तैयारी

पूर्व उत्पाद आयुक्त विनय कुमार चौबे की मुश्किलें बढ़ीं, जेल में बंद IAS पर शिकंजा और कसने की तैयारी

झारखंड में शराब घोटाले से जुड़ा मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इस घोटाले में रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद पूर्व उत्पाद आयुक्त और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। ईडी और एसीबी द्वारा की जा रही गहन जांच में कई नई जानकारियां सामने आ रही हैं, जिससे चौबे के खिलाफ केस और मजबूत होता दिख रहा है।

सूत्रों के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ED) को चौबे के खिलाफ ऐसे आर्थिक लेन-देन और दस्तावेजी सबूत मिले हैं, जो इस घोटाले में उनकी संलिप्तता को दर्शाते हैं। साथ ही एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) भी अब तक की जांच में चौबे की भूमिका को लेकर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर रही है, जिसे जल्द ही अदालत में पेश किया जा सकता है।

जांच एजेंसियों का मानना है कि उत्पाद विभाग में रहते हुए चौबे ने न केवल अनियमित लाइसेंस आवंटन और अवैध शराब बिक्री को संरक्षण दिया, बल्कि कई करोड़ रुपये के घोटाले को भी नजरअंदाज किया। उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में जांच की जा रही है।

ईडी की पूछताछ में चौबे से जुड़े बैंक खातों, अचल संपत्तियों और संदिग्ध लेन-देन की भी परतें खुल रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह घोटाला राज्य के शराब नीति को लेकर बड़े स्तर पर की गई धांधली का हिस्सा है, जिसमें कई अधिकारी और कारोबारी शामिल हैं।

पूर्व में चौबे की जमानत याचिका भी अदालत से खारिज हो चुकी है, जिससे यह संकेत मिल रहा है कि अदालत भी उन्हें गंभीर आरोपी मान रही है। अब संभावना जताई जा रही है कि ईडी जल्द ही उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाने के साथ-साथ नए आरोप पत्र दाखिल कर सकती है।

इस बीच, राज्य सरकार की ओर से भी चौबे के खिलाफ विभागीय कार्रवाई पर मंथन चल रहा है। अगर जांच रिपोर्ट में ठोस सबूत मिलते हैं, तो उन्हें सेवा से निलंबित करने का रास्ता भी खुल सकता है।

विनय कुमार चौबे झारखंड कैडर के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं और उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। लेकिन शराब घोटाले में नाम सामने आने के बाद उनकी छवि और प्रशासनिक करियर दोनों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच एजेंसियां आने वाले दिनों में चौबे के खिलाफ कौन-कौन से और नए खुलासे करती हैं और क्या यह घोटाला झारखंड की राजनीति और प्रशासन में और बड़े चेहरे सामने लाएगा।

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