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शिक्षक की लापरवाही से पांच साल की छात्रा दो घंटे तक क्लासरूम में बंद रही, परिजनों में रोष

शिक्षक की लापरवाही से पांच साल की छात्रा दो घंटे तक क्लासरूम में बंद रही, परिजनों में रोष

शिक्षा व्यवस्था की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। थाना क्षेत्र के बरहे गांव स्थित राजकीय मध्य विद्यालय में शिक्षकों की चूक के चलते शुक्रवार को पांच साल की बच्ची निशिता कुमारी को क्लासरूम में ही बंद कर दिया गया, और वह करीब दो घंटे तक अकेली अंदर फंसी रही। घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।

क्या है मामला?

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को स्कूल में छुट्टी के बाद सभी छात्र-छात्राएं अपने घर चले गए। इसी दौरान नर्सरी क्लास की छात्रा निशिता कुमारी किसी कारणवश कक्षा में ही रह गई, और शिक्षकों ने बिना ठीक से जांच किए दरवाजे बंद कर दिए।
छोटी बच्ची आवाज लगाती रही, रोती रही लेकिन स्कूल की दीवारें उसकी मासूम चीखें बाहर नहीं पहुंचा पाईं।

दो घंटे बाद ग्रामीणों ने खोला दरवाजा

बच्ची के स्कूल से घर नहीं लौटने पर परिजनों ने खोजबीन शुरू की। जब स्कूल परिसर पहुंचे तो दरवाजे बंद मिले, लेकिन अंदर से हल्की आवाजें आने पर संदेह हुआ। तुरंत ग्रामीण एकत्र हुए और दरवाजा तोड़कर देखा तो निशिता कुमारी डरी-सहमी, रोती हुई कक्षा में अकेली बैठी मिली।

शिक्षकों की लापरवाही से नाराज परिजन

परिजनों ने शिक्षकों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि “अगर समय रहते बच्ची नहीं मिलती, तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। यह सीधे तौर पर स्कूल प्रशासन की लापरवाही है।” ग्रामीणों ने भी इस घटना को “गंभीर सुरक्षा चूक” बताते हुए कार्रवाई की मांग की है।

बीईओ ने मांगी रिपोर्ट

घटना की जानकारी मिलते ही खंड शिक्षा पदाधिकारी (BEO) ने विद्यालय से पूरी रिपोर्ट तलब की है। बीईओ ने कहा कि “यह घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और गंभीर है। यदि शिक्षकों की लापरवाही पाई गई, तो उचित विभागीय कार्रवाई की जाएगी।”

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

यह पहली बार नहीं है जब शिक्षकों की लापरवाही के चलते मासूम बच्चों की जान खतरे में पड़ी हो। कई बार स्कूलों में समय पर उपस्थिति जांच या बच्चों की निगरानी में कोताही के चलते छात्र या छात्राएं छूट जाते हैं, या दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं।

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