यह घटना झारखंड के रांची जिले में मानवता को झकझोर देने वाली है। रांची के बेड़ो थाना क्षेत्र के खुखरा गांव में एक बुजुर्ग व्यक्ति के साथ जो हुआ, वह न सिर्फ कानून व्यवस्था बल्कि सामाजिक संवेदना पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।
घटना का सार:
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आरोप: गांव के ही एक 70 वर्षीय बुजुर्ग पर एक महिला से छेड़खानी का आरोप लगाया गया।
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बर्बरता: इसके बाद गांव के पांच दबंगों ने बुजुर्ग की लाठी-डंडों से बेरहमी से पिटाई की।
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मानवाधिकारों का उल्लंघन: बुजुर्ग को सरेआम थूक चटवाया गया, जिससे उसकी गरिमा तार-तार हो गई।
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वीडियो वायरल: इस पूरी घटना का वीडियो दबंगों ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया:
फिलहाल पुलिस ने वीडियो के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपियों की पहचान कर गिरफ्तारी की प्रक्रिया चल रही है।
यह मामला क्यों गंभीर है?
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भीड़ न्याय (Mob Justice) का यह एक भयावह उदाहरण है।
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कानून हाथ में लेना – आरोपों की सत्यता साबित होने से पहले ही इस तरह की अमानवीय सजा देना संविधान और समाज दोनों के खिलाफ है।
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वीडियो वायरल करना – पीड़ित की गरिमा के साथ-साथ यह कृत्य साइबर क्राइम के दायरे में भी आता है।
सरकार और प्रशासन से अपेक्षाएं:
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आरोपियों पर SC/ST Atrocities Act, आईपीसी की गंभीर धाराएं और आईटी एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई हो।
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पीड़ित बुजुर्ग को सरकारी सुरक्षा और चिकित्सा सुविधा दी जाए।
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घटना की फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हो और दोषियों को जल्द सजा मिले।

