झारखंड के कुख्यात साइबर ठगी के गढ़ माने जाने वाले जामताड़ा जिले में पुलिस को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। जामताड़ा साइबर थाना की टीम ने बुधवार को नारायणपुर थाना क्षेत्र से चार शातिर साइबर अपराधियों को धर दबोचा। ये सभी आरोपी चितरपुर गांव के एक निर्माणाधीन मकान में छिपकर ठगी का काम कर रहे थे।
कैसे हुआ भंडाफोड़?
-
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि चितरपुर गांव के पास एक अधूरे मकान में कुछ संदिग्ध लोग मोबाइल और लैपटॉप के साथ साइबर अपराध में लिप्त हैं।
-
सूचना पर साइबर थाना प्रभारी के नेतृत्व में एक टीम गठित कर तत्काल छापेमारी की गई।
-
मौके पर चार युवक लैपटॉप, मोबाइल फोन, सिम कार्ड और फर्जी दस्तावेजों के साथ पकड़े गए।
क्या-क्या बरामद हुआ?
छापेमारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से—
-
कई स्मार्टफोन
-
लैपटॉप
-
दर्जनों फर्जी सिम कार्ड
-
विभिन्न बैंकों के एटीएम कार्ड
-
और कई लोगों के पर्सनल डाटा बरामद किए हैं।
इन सभी उपकरणों का इस्तेमाल ये ठग फर्जी कॉल करके लोगों से OTP, बैंक डिटेल्स और पैसे हड़पने के लिए कर रहे थे।
कौन हैं ये आरोपी?
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार किए गए चारों युवक—
-
स्थानीय निवासी हैं और पहले भी साइबर क्राइम में शामिल रह चुके हैं।
-
ये फेसबुक, OLX, और ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड जैसे तरीकों से लोगों को ठगते थे।
-
इनका एक संगठित नेटवर्क है जो राज्य से बाहर के लोगों को निशाना बनाता है।
पुलिस ने क्या कहा?
साइबर थाना प्रभारी ने बताया—
"ये आरोपी लंबे समय से साइबर फ्रॉड में सक्रिय थे। इनकी गतिविधियों पर हमारी नजर थी। समय रहते कार्रवाई करके एक बड़े नेटवर्क को ध्वस्त किया गया है। जल्द ही इनके अन्य साथियों की भी गिरफ्तारी की जाएगी।"
निष्कर्ष:
जामताड़ा पुलिस की इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि साइबर ठग अब भी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने की फिराक में रहते हैं। लेकिन प्रशासन की सतर्कता और तेज कार्रवाई से इन पर शिकंजा कसता जा रहा है।
पुलिस ने आम लोगों से भी अपील की है कि—
-
अनजान कॉल या लिंक पर विश्वास न करें।
-
किसी को OTP, बैंक डिटेल या पासवर्ड न दें।
-
और किसी संदेहास्पद गतिविधि की सूचना तत्काल पुलिस को दें।

