झारखंड में 1 जुलाई से खुदरा शराब दुकानों का बंद होना नहीं होगा सामान्य, केवल हैंडओवर-टेकओवर वाली दुकानें होंगी बंद

झारखंड में उत्पाद विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि 1 जुलाई 2025 से राज्य की सभी खुदरा शराब दुकानें एक साथ बंद नहीं होंगी। हालांकि, हैंडओवर और टेकओवर की प्रक्रिया के तहत कुछ दुकानों को बंद किया जाएगा। राज्य सरकार के निर्णय के बाद, विभाग ने ये साफ किया कि वह शराब दुकानों का संचालन जारी रखेगी और सिर्फ जिन दुकानों का संचालन बदल रहा है, उन्हें बंद किया जाएगा।
क्या है हैंडओवर-टेकओवर प्रक्रिया?
हैंडओवर-टेकओवर एक प्रक्रिया है जिसके तहत नए ठेकेदार द्वारा पुराने ठेकेदार से दुकान का संचालन लिया जाता है। इस प्रक्रिया में कुछ दुकानों का संचालन नए ठेकेदारों द्वारा शुरू होगा, जिससे कुछ दुकानें बंद हो सकती हैं। उत्पाद विभाग के मुताबिक, ये दुकानें कुछ दिनों तक बंद रहेंगी, जब तक नए ठेकेदार उनके संचालन की जिम्मेदारी नहीं ले लेते।
विभाग का बयान
उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने कहा,
"1 जुलाई से राज्य में शराब दुकानों के संचालन में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। केवल वे दुकानें बंद होंगी जिनमें हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी होगी। बाकी सभी दुकानों का संचालन पहले की तरह जारी रहेगा।"
राज्य सरकार का उद्देश्य
राज्य सरकार की कोशिश है कि शराब दुकानों का संचालन सुचारू रूप से चलता रहे और राजस्व में किसी प्रकार की गिरावट न हो। साथ ही, सरकार ने शराब बिक्री को केंद्रित और नियंत्रित तरीके से संचालित करने की योजना बनाई है, ताकि अवैध शराब व्यापार पर अंकुश लगाया जा सके।
स्थानीय दुकानदारों की चिंता
हालांकि, इस फैसले से कुछ दुकानदारों को चिंता भी है। दुकानदारों का कहना है कि नई नीति के चलते उनके व्यापार में अस्थिरता पैदा हो सकती है और कुछ दुकानों के बंद होने से उनका रोजगार प्रभावित हो सकता है।