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"मंईयां सम्मान योजना" की राशि से वंचित लाभार्थी परेशान, कईयों के खाते में अब तक नहीं पहुंचे पैसे

"मंईयां सम्मान योजना" की राशि से वंचित लाभार्थी परेशान, कईयों के खाते में अब तक नहीं पहुंचे पैसे

बिहार सरकार की बहुप्रचारित “मंईयां सम्मान योजना” एक बार फिर चर्चा में है — और इस बार वजह है योजना के अंतर्गत दी जाने वाली वित्तीय सहायता की असमान क्रेडिटिंग।
जहां कुछ लाभार्थियों के बैंक खातों में योजना की राशि आ गई है, वहीं बड़ी संख्या में लाभार्थी अब भी अपने खातों में पैसे न पहुंचने को लेकर बेचैन और परेशान नजर आ रहे हैं।

लाभार्थियों में असमंजस

राज्य के कई जिलों से ऐसी शिकायतें सामने आई हैं कि बैंक खातों में योजना की राशि कुछ लाभार्थियों को तो मिल गई, लेकिन अधिकांश को अभी तक कोई सूचना तक नहीं मिली है। कई वृद्ध महिलाएं बैंक और पंचायत कार्यालय के चक्कर लगाते हुए दिखाई दीं, लेकिन उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई।

मुजफ्फरपुर की लाभार्थी संगीता देवी ने बताया,

“पिछले महीने मेरी पड़ोसन को पैसा मिल गया, लेकिन मेरे खाते में अब तक कुछ नहीं आया। हम कई बार बैंक गए लेकिन हर बार यही जवाब मिलता है कि पैसा नहीं आया है।”

तकनीकी कारण या सिस्टम की लापरवाही?

सूत्रों के मुताबिक, इस देरी के पीछे बैंकिंग तकनीकी खामियां, खातों की आधार से सीडिंग में त्रुटियां, और डाटाबेस में अपूर्ण जानकारी जैसे कारण सामने आ रहे हैं।
कुछ मामलों में लाभार्थियों का बैंक खाता निष्क्रिय पाया गया है, वहीं कुछ में नाम/आधार में विसंगतियां हैं, जिससे राशि क्रेडिट नहीं हो पा रही है।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

इस पूरे मामले पर सामाजिक कल्याण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि

“कुछ तकनीकी कारणों से सभी लाभार्थियों को राशि एक साथ नहीं भेजी जा सकी है। जिनके खातों में राशि नहीं पहुंची है, उन्हें अगले चरण में भुगतान किया जाएगा। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लाभार्थियों की सूची की पुनः जांच करें।”

क्या है "मंईयां सम्मान योजना"?

बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही यह योजना वृद्ध महिलाओं को आर्थिक सहायता देने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। इसके तहत नियमित रूप से एक निश्चित राशि लाभार्थियों के खाते में ट्रांसफर की जाती है। इस योजना का उद्देश्य बुजुर्ग महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन देना है।

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