दुमका में बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास की मुलाकात, संयोग नहीं बल्कि राजनीतिक प्रयोग

झारखंड की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी की पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से रविवार को दुमका परिसदन में हुई मुलाकात ने कई राजनीतिक अटकलों को जन्म दे दिया है।
हालांकि दोनों नेता एक ही गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे, ऐसे में यह मुलाकात सामान्य और स्वाभाविक मानी जा सकती है, लेकिन पार्टी के अंदरूनी हलकों में इसे सिर्फ संयोग नहीं, बल्कि एक सोचा-समझा ‘राजनीतिक प्रयोग’ माना जा रहा है।
क्या कहती है सियासी जमीन?
झारखंड भाजपा की राजनीति में बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास दो अलग राजनीतिक धाराओं का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। जहां मरांडी को संगठन और आदिवासी जनाधार का चेहरा माना जाता है, वहीं रघुवर दास शहरी और गैर-आदिवासी वोटबैंक के प्रतिनिधि रहे हैं।
ऐसे में इन दोनों नेताओं की निकटता को लेकर पार्टी में संभावित समीकरणों की चर्चा तेज हो गई है। कई लोग इसे आगामी विधानसभा चुनाव की रणनीति का हिस्सा भी मान रहे हैं।
पार्टी में क्या हो सकता है असर?
मुलाकात के समय और स्थान को लेकर विश्लेषकों का मानना है कि यह BJP के शीर्ष नेतृत्व द्वारा आंतरिक मतभेद कम करने और एकजुटता बढ़ाने का प्रयास हो सकता है, खासकर तब, जब विपक्ष झारखंड में लगातार सक्रिय हो रहा है।
हालांकि, इस मुलाकात को लेकर दोनों नेताओं की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार राजनीतिक मुद्दों पर गहन चर्चा हुई है।