सात साल बाद विश्वविद्यालयों में पंचपरगनिया और जूलॉजी विषय में होगी सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति, वर्षों से अटकी प्रक्रिया को मिली मंजूरी

झारखंड के विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी खबर सामने आई है। लगभग सात वर्षों के लंबे इंतजार के बाद अब पंचपरगनिया और जूलॉजी (प्राणी विज्ञान) विषय में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। यह नियुक्ति वर्ष 2018 में शुरू हुई चयन प्रक्रिया का हिस्सा थी, जो अब तक विभिन्न कारणों से अधूरी पड़ी थी।
वर्षों से अटकी थी प्रक्रिया
जानकारी के अनुसार, 2018 में झारखंड राज्य उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (JHEDSC) द्वारा सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई थी। हालांकि अधिकांश विषयों में चयन प्रक्रिया पूरी हो गई थी, लेकिन पंचपरगनिया और जूलॉजी विषय में विभिन्न तकनीकी और प्रशासनिक कारणों से नियुक्तियां नहीं हो सकीं।
अब आयोग ने इन दोनों विषयों में रिक्त पदों की समीक्षा के बाद अंतिम चयन प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।
उच्च शिक्षा संस्थानों को मिलेगा बल
विशेष रूप से पंचपरगनिया जैसे क्षेत्रीय भाषा विषय में शिक्षकों की नियुक्ति भाषा संरक्षण और स्थानीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए अत्यंत आवश्यक मानी जा रही थी। वहीं, जूलॉजी जैसे विज्ञान विषय में योग्य प्राध्यापकों की लंबे समय से कमी महसूस की जा रही थी, जिससे विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता और अनुसंधान गतिविधियां प्रभावित हो रही थीं।
उम्मीदवारों में खुशी की लहर
नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे उम्मीदवारों में उत्साह देखा जा रहा है। झारखंड के विभिन्न विश्वविद्यालयों से पीजी और नेट पास कर चुके अभ्यर्थी लंबे समय से इस भर्ती की राह देख रहे थे। कई अभ्यर्थियों ने कहा कि उन्होंने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन अब यह खबर नई ऊर्जा और आशा लेकर आई है।
“हमने वर्षों तक तैयारी की, कई बार प्रक्रिया अटकी, लेकिन अब नियुक्ति की खबर सुनकर लगता है कि मेहनत बेकार नहीं गई,” – एक अभ्यर्थी ने प्रतिक्रिया दी।
आगे की प्रक्रिया जल्द
सूत्रों के अनुसार, अब अंतिम साक्षात्कार और दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाएगी और जुलाई-अगस्त 2025 तक इन विषयों में नियुक्ति पत्र जारी किए जा सकते हैं। इससे संबंधित विश्वविद्यालयों को निर्देश भेजे जा चुके हैं।
मुख्य बिंदु:
-
2018 में शुरू हुई थी नियुक्ति प्रक्रिया, जो अब तक लंबित थी
-
पंचपरगनिया और जूलॉजी विषयों में होगी सहायक प्राध्यापकों की बहाली
-
भाषाई और विज्ञान शिक्षा को मिलेगा बल
-
उम्मीदवारों में उत्साह, वर्षों बाद मिली सकारात्मक खबर
-
अगले दो महीनों में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने की संभावना