
झारखंड में सामने आए शराब घोटाले की जांच तेज़ हो गई है। इस मामले की जांच कर रही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने होलोग्राम आपूर्ति करने वाली कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विधु गुप्ता और उनके सहयोगियों के खिलाफ ठोस साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
क्या है मामला?
झारखंड में शराब की बिक्री को ट्रैक करने के लिए बोतलों पर विशेष होलोग्राम लगाने की व्यवस्था की गई थी। इस काम के लिए प्रिज्म होलोग्राफी कंपनी को ठेका दिया गया था। आरोप है कि इस कंपनी ने बिना गुणवत्ता की परवाह किए या फर्जी तरीके से अधिक बिलिंग और आपूर्ति की, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।
ACB की अब तक की कार्रवाई:
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प्रारंभिक जांच में कई वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुईं।
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ACB ने कंपनी के रांची व अन्य राज्यों के ठिकानों पर छापेमारी की तैयारी कर ली है।
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विधु गुप्ता और अन्य सहयोगियों की बैंक डिटेल, ईमेल कम्युनिकेशन और टेंडर प्रक्रिया की गहन जांच की जा रही है।
किन विभागों के अधिकारी शक के घेरे में?
सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले में राज्य उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के कुछ अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। ACB ऐसे अफसरों की भी क्लोज मॉनिटरिंग कर रही है जो ठेका प्रक्रिया या भुगतान में शामिल थे।
आगे क्या?
ACB इस मामले में जल्दी ही FIR दर्ज कर सकती है। विधु गुप्ता समेत अन्य आरोपियों को पूछताछ के लिए समन जारी किए जाने की संभावना है।