Galwan के शहीद की याद में घरवालों ने बनाया खूबसूरत स्मृति पार्क और स्कूल, गांव के लिए पानी टंकी भी बनवा रहे
मात्र 23 वर्ष की उम्र में शहीद हुए गणेश हांसदा के पिता सुबदा हांसदा किसान और मां गृहणी हैं। बड़े भाई दिनेश हांसदा गांव में ही रहकर खेती-बाड़ी करते हैं। दिनेश बताते हैं हमलोग उसकी शादी की तैयारी कर रहे थे। मां ने उसके लिए लड़की भी देखी थी। हम सभी को खुशी के इस मौके का इंतजार था, लेकिन 16 जून 2020 को गलवान घाटी से उसकी शहादत की खबर आयी तो हमारे पांवों के नीचे की जमीन खिसक गयी। शहादत के तीन दिन बाद जब गणेश हांसदा ताबूत में तिरंगे में लिपटकर आये थे तो उनके अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग उमड़ पड़े थे। उसी रोज उनके घर के लोगों ने संकल्प लिया था कि गांव की माटी में शहीद बेटे की स्मृति में अमर निशानी बनाये थे। शहादत के ठीक दो साल बाद जिस क्षण पार्क में उनकी प्रतिमा का अनावरण हुआ, तब मां-पिता, भाई सबकी आंखें नम हो उठीं।
गांव में बनाया गया स्मृति पार्क बेहद खूबसूरत है। यहां शहीद गणेश हांसदा के साथ-साथ भारत माता की प्रतिमा, शहीद वेदी और अमर जवान ज्योति का प्रतीक भी बनाया गया है। एक छोटा सा म्यूजियम भी बनाया गया है, जहां लोगों को जवानों की शहादत की स्मृतियों को प्रदर्शित किया जायेगा। इस पार्क का लोकार्पण बीते 16 जून को कैबिनेट मंत्री चंपई सोरेन के हाथों हुआ। इसके बाद से हर रोज बड़ी संख्या में लोग स्मृति पार्क पहुंच रहे हैं। पार्क की हरियाली, यहां लगाये गये तरह-तरह फूल और खूबसूरत सज्जा लोगों को खूब लुभा रही है। घरवालों को इस बात का दुख है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पार्क के लोकार्पण कार्यक्रम में आने का वादा किया था, लेकिन वह नहीं आये। कार्यक्रम के दिन उन्होंने अधिकारियों और मंत्री के समक्ष इसपर नाराजगी का इजहार भी किया।
दरअसल, शहीद का परिवार राज्य सरकार की ओर से किए गये वादे अब तक पूरे न होने से भी आहत है। राज्य सरकार की ओर से शहीद के परिजनों को उनकी पसंद के स्थान पर नि:शुल्क भूखण्ड देने और पेट्रोल पंप दिलाने के लिए केंद्र सरकार से अनुशंसा का वादा किया गया था। ये वादे आज तक पूरे नहीं हुए।
--आईएएनएस
जमशेदपुर न्यूज डेस्क !!
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