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डॉक्टर ने सुसाइड बॉम्बर बनने जैसा बड़ा कदम क्यों उठाया? PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर दागा सवाल

डॉक्टर ने सुसाइड बॉम्बर बनने जैसा बड़ा कदम क्यों उठाया? PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सरकार पर दागा सवाल

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की चीफ महबूबा मुफ्ती ने रविवार को श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार पर निशाना साधा। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने दिल्ली बम ब्लास्ट में शामिल कश्मीरी युवाओं को लेकर भी अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि इस घटना ने उन्हें हिलाकर रख दिया है। "इसलिए मैं आज कश्मीरी युवाओं से इस पर बात करने के लिए मिल रही हूं। हम आगे भी उनसे बात करते रहेंगे ताकि वे भटकें नहीं और अपनी भलाई समझें।"

PDP चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर की समस्याएं लाल किले के बाहर गूंज रही हैं। दिल्ली सरकार सब जानती है। पिछले 20 दिनों में यह दूसरी बार है जब महबूबा ने दिल्ली ब्लास्ट के मुद्दे को कश्मीर से जोड़ा है। 16 नवंबर को उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार ने दुनिया को बताया कि कश्मीर में सब ठीक है, लेकिन कश्मीर की समस्याएं लाल किले के बाहर गूंज रही हैं। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम कश्मीर मुद्दे का हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं, ठीक वैसे ही जैसे अटल बिहारी वाजपेयी ने करने की कोशिश की थी। मौजूदा सरकार तो ऐसा कुछ करने की कोशिश भी नहीं कर रही है।

कश्मीर मुद्दे का ज़िक्र करना भी अब गुनाह हो गया है।

महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि कश्मीर मुद्दे का ज़िक्र करना भी अब गुनाह माना जाता है। लेकिन देश के समझदार लोग समझेंगे कि एक पढ़ा-लिखा डॉक्टर, अपने ऊपर बम बांधकर, बेगुनाह लोगों को मारता है और फिर अपनी जान ले लेता है। क्या यह अच्छी बात है? उन्होंने कहा, "हम गांधी के देश में सिर्फ़ इज़्ज़त से जीने आए थे। हम यह नहीं कह रहे हैं कि 'हमें ले जाओ और पाकिस्तान को सौंप दो या यहाँ-वहाँ फेंक दो। हमारी इज़्ज़त करो, हमारे पढ़े-लिखे युवाओं की इज़्ज़त करो।' अगर कश्मीर के युवाओं की इज़्ज़त होगी, तो उनकी ज़िंदगी बेहतर होगी।"

कश्मीरियों को इज़्ज़त चाहिए
महबूबा मुफ़्ती ने ज़ोर देकर कहा कि हम चाहते हैं कि कश्मीरी इज़्ज़त से जिएं, और इसके लिए मेल-मिलाप ज़रूरी है। हम युवाओं के लिए देश और कश्मीर के बीच एक पुल बनने की कोशिश करेंगे। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और NSA को कश्मीर पर अपनी पॉलिसीज़ का रिव्यू करना चाहिए, क्योंकि 2019 के बाद भी उन्होंने हर चीज़ को पर्सनली लिया है। अगर सब ठीक है, तो एक डॉक्टर ने सुसाइड बॉम्बर बनने जैसा बड़ा कदम क्यों उठाया? उन्होंने कहा कि असल में केंद्र सरकार और उसकी नीतियां पूरी तरह से फेल हो चुकी हैं।

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