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पाकिस्तान से लौटने के बाद गिरफ्तार हुई सुनीता जामगड़े: जासूसी की जांच में जुटी नागपुर पुलिस, बार-बार बदल रही बयान

महाराष्ट्र के नागपुर में रहने वाली 43 वर्षीय महिला सुनीता जामगड़े को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से लौटने के बाद जासूसी की आशंका में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सुनीता पर ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट (Official Secrets Act) के....
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महाराष्ट्र के नागपुर में रहने वाली 43 वर्षीय महिला सुनीता जामगड़े को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से लौटने के बाद जासूसी की आशंका में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सुनीता पर ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट (Official Secrets Act) के उल्लंघन का आरोप है। पुलिस मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हुए बेहद गंभीरता से जांच कर रही है।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से हुई गिरफ्तारी

सुनीता को गुरुवार तड़के नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हिरासत में लिया गया। वह ट्रेन से दिल्ली पहुंची थीं, जहां पहले से तैनात नागपुर पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। देर रात मजिस्ट्रेट ए. यू. मोटे ने अपने निवास स्थान पर गिरफ्तारी की अनुमति दी। इसके बाद उन्हें परडी पुलिस स्टेशन लाया गया और CCTV निगरानी में रखा गया। उन्हें 2 जून तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।

अमृतसर पुलिस से हुई थी सौंपने की प्रक्रिया

नागपुर पुलिस की चार सदस्यीय टीम ने सुनीता को अमृतसर पुलिस से हिरासत में लिया, जहां उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उसे अटारी-वाघा सीमा के जरिये पाकिस्तानी अधिकारियों ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को सौंपा था। इसके बाद सुनीता को ट्रेन से अमृतसर से दिल्ली और फिर नागपुर लाया गया। प्राथमिकी को अब नागपुर के कपिल नगर थाने में स्थानांतरित कर दिया गया है।

बेटे को होटल में छोड़कर गई थीं पाकिस्तान

सुनीता ने अपनी यात्रा की शुरुआत 4 मई को नागपुर से अपने 13 वर्षीय बेटे के साथ की थी। वह कारगिल होते हुए 14 मई को हुंडरमन गांव पहुंची, जो नियंत्रण रेखा (LoC) के पास भारत का आखिरी गांव है। वहां उन्होंने अपने बेटे को एक होटल में छोड़ दिया और PoK में घुस गईं। नौ दिनों तक उनका कोई अता-पता नहीं था। 23 मई को पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें वापस भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया।

पाकिस्तान लौटने की इच्छा जता रही सुनीता

पुलिस सूत्रों का दावा है कि सुनीता बयान बार-बार बदल रही हैं। उन्होंने पूछताछ में बताया कि वह पाकिस्तान में नौकरी की तलाश में गई थीं। अब उनका कहना है कि जमानत मिलते ही वह वापस पाकिस्तान जाना चाहती हैं। सुनीता ने दावा किया कि वह पाकिस्तान में किसी अस्पताल में नौकरी करना चाहती थीं और पैसे कमाकर नागपुर लौटने की योजना थी।

जुल्फिकार और पास्टर से संपर्क की जांच

पुलिस उपायुक्त निकेतन कदम ने कहा कि पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि सुनीता का पाकिस्तान में जुल्फिकार और एक पास्टर से किस तरह का संपर्क था। यह भी जांच की जा रही है कि कहीं उन्होंने भारत की कोई संवेदनशील जानकारी साझा तो नहीं की। फोरेंसिक टीम इन रिश्तों की गहराई से जांच कर रही है।

मोबाइल फोन से मिले अहम सुराग

पुलिस को सुनीता का मोबाइल फोन मिला है, जिसे फॉर्मेट किया गया था। इसमें एक संदिग्ध ऐप भी इंस्टॉल्ड था। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या फोन में कोई जासूसी सॉफ्टवेयर (Spyware) था। डिलीट किए गए डेटा को रिकवर करने की प्रक्रिया जारी है।

मानसिक स्वास्थ्य और SIM कार्ड की जांच

पुलिस यह भी पता लगा रही है कि क्या सुनीता ने 2 मई को रीजनल मेंटल हॉस्पिटल का दौरा किया था। इसके साथ ही उनके SIM कार्ड की गतिविधियों की भी गहन जांच की जा रही है। पुलिस सभी एंगल से जांच कर रही है — चाहे वह मानसिक स्थिति हो, विदेशी संपर्क, या डिजिटल सबूत।

राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरे का संदेह

इस पूरे मामले ने खुफिया एजेंसियों और पुलिस के बीच सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। एक आम महिला का इस तरह LoC पार कर जाना, PoK में समय बिताना, संदिग्ध व्यक्तियों से संपर्क और फिर भारत लौटकर पाकिस्तान जाने की इच्छा — ये सब सुराग जासूसी या संभावित राष्ट्रद्रोह की ओर इशारा कर रहे हैं। नागपुर पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसियों की नजर अब सुनीता जामगड़े पर है। आगे की जांच से साफ होगा कि मामला निजी उद्देश्यों का था या इसके पीछे कोई बड़ा षड्यंत्र छिपा है।

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