सीएम उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले के पीड़ितों के लिए स्मारक की घोषणा की, बैसरन घाटी में बनेगा भव्य स्मारक

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पिछले महीने बैसरन में हुए भीषण आतंकवादी हमले में जान गंवाने वाले 26 मासूम लोगों की याद में भव्य स्मारक बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इस पर पहले दिन से ही चर्चा हो रही थी। बैसरन में इन 26 मासूमों की याद में एक स्मारक बनाया जाएगा, जो इस बात का प्रतीक होगा कि उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। पहलगाम में देशभर के टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटरों के साथ बातचीत के दौरान सीएम उमर अब्दुल्ला ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक में लोक निर्माण विभाग को इस स्मारक के लिए सैद्धांतिक मंजूरी देने का अधिकार दिया गया है।
उन्होंने कहा कि स्मारक को भव्य, गरिमामय और श्रद्धांजलि के योग्य बनाने के लिए लोगों से सुझाव भी लिए जाएंगे। पर्यटन पुनरुद्धार पर जोर मुख्यमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को पुनर्जीवित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने टूर ऑपरेटरों का धन्यवाद करते हुए कहा, "मैं आप सभी का पहलगाम आने और पर्यटन को पटरी पर लाने में अपना सहयोग देने के लिए धन्यवाद करता हूं। आप में से कई लोग वे हैं जिन्होंने 1990 के दशक की शुरुआत में पर्यटन की शुरुआत की थी, जब यहां के लोग बाहर निकलने से भी डरते थे।"
उन्होंने कहा कि मुंबई और गुजरात से आए पहले पर्यटक समूहों ने घाटी में पर्यटन की वापसी की नींव रखी। लेकिन 22 अप्रैल की घटना ने सब कुछ हिला दिया। वह जीटी निदा है, वह कम है हमारे पास उन 26 परिवारों के दर्द को बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं। हम बस उनके सामने झुक सकते हैं।
सुरक्षा और पारदर्शिता का मामला
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से हमारे नियंत्रण में है, लेकिन जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था। हम सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो। पर्यटकों के साथ पारदर्शिता बरती जानी चाहिए। हमें यह बताने से नहीं डरना चाहिए कि क्या बंद है, बल्कि यह बताना चाहिए कि क्या खुला है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में पर्यटन स्थलों को चरणबद्ध तरीके से फिर से खोला जाएगा। उन्होंने खुद बेताब घाटी का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सभी स्थलों को एक साथ नहीं खोला जाएगा, बल्कि धीरे-धीरे पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
घरेलू पर्यटन पर विशेष जोर
सीएम ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों से पहले घरेलू पर्यटन में सुधार के संकेत मिलने चाहिए। सामान्य स्थिति का पहला संकेत तब मिलता है जब स्कूली बच्चे और घरेलू पर्यटक पिकनिक स्थलों पर फिर से दिखाई देने लगते हैं। इसके बाद ही विदेशी पर्यटक आना शुरू होते हैं। हमारे सामने चुनौतियां हैं, कमियां भी हैं। लेकिन हम उनसे पार पा लेंगे। जैसे आपने पहले घाटी में पर्यटन को शुरू किया, वैसे ही हम फिर से उठ खड़े होंगे।