जम्मू-कश्मीर के रामबन में अमरनाथ यात्रियों से भरी 5 बसें दुर्घटना का शिकार, 36 यात्री घायल

जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में अमरनाथ यात्रा के दौरान एक भयंकर सड़क हादसा हुआ है। यहाँ चंदरकोट के लंगर स्थल के पास अमरनाथ यात्रियों से भरी पांच बसें आपस में टकरा गईं, जिसमें लगभग 36 श्रद्धालु घायल हुए हैं। सभी घायलों का इलाज जिला अस्पताल रामबन में किया जा रहा है।
हादसे का विवरण और कारण
रामबन के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद अलयास खान ने हादसे की जानकारी देते हुए बताया कि चंदरकोट में लंगर स्थल के पास बसें यात्रियों को लेकर रुकी हुई थीं। जब ये बसें पुनः अपनी यात्रा शुरू करने लगीं, तब एक बस का ब्रेक फेल हो गया। इसी कारण वह बस पीछे खड़ी चार अन्य बसों से टकरा गई। इस दुर्घटना में कुल पांच बसें प्रभावित हुईं और उनमें भारी क्षति हुई। हादसा जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे पर हुआ, जो अमरनाथ यात्रियों के लिए एक प्रमुख मार्ग है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को भी इस घटना की जानकारी दी गई है। उन्होंने ट्वीट कर देशवासियों को हादसे की सूचना देते हुए कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है और अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा के लिए सतत निगरानी की जा रही है।
घायलों की हालत और अस्पताल में उपचार
रामबन जिला अस्पताल के प्रभारी डॉक्टर मोहम्मद रफी ने बताया कि दुर्घटना में घायल हुए कुल 36 तीर्थयात्रियों का अस्पताल में उपचार किया गया है। किसी भी घायल को दूसरे अस्पताल में रेफर करने की आवश्यकता नहीं पड़ी। 10 मरीजों को ठीक होने के बाद छुट्टी दे दी गई है और बाकी सभी की हालत स्थिर है। डॉक्टर ने यह भी बताया कि पहलगाम से निकले काफिले की आखिरी बस का ड्राइवर नियंत्रण खो बैठा था, जिसके कारण बस के ब्रेक काम नहीं कर रहे थे। इसी वजह से चंदरकोट में खड़ी अन्य बसों से यह बस टकरा गई। टकराव के कारण चार बसों को गंभीर नुकसान हुआ है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और राहत कार्य
घटना के तुरंत बाद पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी अस्पताल पहुंचे और घायलों से मुलाकात की। प्रभावित बसों को जब्त कर पुलिस स्टेशन ले जाया गया है और चालक के बयान दर्ज किए गए हैं। यात्रियों के आगे की यात्रा के लिए प्रशासन द्वारा वैकल्पिक वाहनों का प्रबंध भी किया गया है।
अमरनाथ यात्रा का चौथा जत्था रवाना
इसी दिन सुबह लगभग 6979 तीर्थयात्री दो अलग-अलग काफिलों में यात्रा पर निकले। इसमें 5196 पुरुष, 1427 महिलाएं, 24 बच्चे, 331 साधु-साध्वियां और एक ट्रांसजेंडर यात्री शामिल थे। इन तीर्थयात्रियों में से 4226 लोग 161 वाहनों में सवार होकर पहलगाम के रास्ते यात्रा कर रहे हैं, जो करीब 48 किलोमीटर लंबा मार्ग है। वहीं, 2753 तीर्थयात्री 151 वाहनों में बालटाल मार्ग से निकले, जो 14 किलोमीटर लंबा है।