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जम्मू कश्मीर में 6 आतंकवादियों के घर ब्लास्ट से गिराए, वीडियो में देखें सरकार ने आर्मी मूवमेंट की कवरेज न करने की दी चेतावनी

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भारत सरकार ने सभी मीडिया हाउस के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि डिफेंस ऑपरेशन और फोर्स के मूवमेंट की कवरेज न की जाए। सरकार का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सैनिकों की जान की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है। इस एडवाइजरी के तहत मीडिया संस्थानों से अपेक्षा की गई है कि वे संवेदनशील ऑपरेशनों की लाइव रिपोर्टिंग या ऑपरेशनल जानकारी साझा करने से परहेज करें।

सरकार की यह एडवाइजरी ऐसे समय पर आई है जब जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सेना का अभियान तेज कर दिया गया है। बीते कुछ दिनों में सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाए हैं, जिनके तहत अब तक कुल 6 आतंकवादियों के घर ध्वस्त किए जा चुके हैं। यह कार्रवाई त्राल, अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम और शोपियां जैसे आतंकवाद प्रभावित इलाकों में की गई है।

सेना और सुरक्षा एजेंसियों ने जानकारी दी है कि इन घरों का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में शरणस्थली के रूप में किया जा रहा था। इन स्थानों से हथियार, गोला-बारूद और आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद की गई है। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकियों और उनके मददगारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के तहत यह कदम उठाया गया है, ताकि आतंकवाद के नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जा सके।

सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे इन ऑपरेशनों में स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। सर्च ऑपरेशन के दौरान संदिग्ध इलाकों की घेराबंदी कर तलाशी ली जा रही है और जरूरत पड़ने पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस तरह की कार्रवाई और तेज की जाएगी ताकि आतंकवादी नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त किया जा सके।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, मीडिया कवरेज के चलते कई बार ऑपरेशनल डिटेल्स समय से पहले सार्वजनिक हो जाती हैं, जिससे सुरक्षा बलों की रणनीति प्रभावित हो सकती है और जवानों की जान जोखिम में पड़ सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने मीडिया से जिम्मेदारीपूर्वक रिपोर्टिंग की अपील की है।

जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों और सेना की आक्रामक रणनीति के बीच यह एडवाइजरी बेहद अहम मानी जा रही है। सरकार ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में सभी का सहयोग जरूरी है और मीडिया की जिम्मेदारी सबसे अहम है।

फिलहाल जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है और सेना के ऑपरेशनों में तेजी लाने के संकेत मिल रहे हैं। आने वाले दिनों में आतंकवादियों और उनके नेटवर्क के खिलाफ और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।

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