भारी बारिश के कारण अमरनाथ यात्रा फिर हुई अस्थायी रूप से स्थगित, बालटाल मार्ग पर चल रहा मरम्मत का काम
अमरनाथ यात्रा आज फिर स्थगित कर दी गई है। पहलगाम और बालटाल दोनों शिविरों से अमरनाथ यात्रा आज एक आदेश जारी कर 30 जुलाई 2025 तक स्थगित कर दी गई है। कश्मीर के आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने अमरनाथ यात्रा स्थगित करने का आदेश जारी करते हुए बताया कि आज सुबह से ही बालटाल और पहलगाम में भारी बारिश हो रही है। इसलिए, दोनों इलाकों के शिविरों से यात्रा शुरू नहीं हो सकी। शिविरों में लौटने वाले तीर्थयात्रियों को भी वहीं रहने के निर्देश दिए गए हैं जहाँ वे हैं।
17 जुलाई को भी यात्रा स्थगित की गई थी
Shri Amarnathji Yatra has been suspended today from both Pahalgam and Baltal base camps due to heavy continuous rains since early morning. So far, over 3.93 lakh pilgrims have paid obeisance at the Holy Cave Shrine during the Shri Amarnathji Yatra 2025: I&PR Jammu and Kashmir pic.twitter.com/nf5cOGAkPt
— ANI (@ANI) July 30, 2025
बता दें कि इससे पहले 17 जुलाई को अमरनाथ यात्रा एक दिन के लिए स्थगित की गई थी। अगले दिन, 18 जुलाई को 7908 श्रद्धालुओं के साथ यात्रा फिर से शुरू हुई थी। 17 जुलाई को घाटी में 30 घंटे से ज़्यादा समय तक बारिश हुई थी, जिसके कारण कई जगहों पर भूस्खलन के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गई थीं। एहतियात के तौर पर आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने अमरनाथ यात्रा स्थगित करने का आदेश जारी किया है।
अमरनाथ यात्रा कब शुरू हुई?
श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 को शुरू हुई थी और 29 जुलाई तक 3.93 लाख से ज़्यादा तीर्थयात्री पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। अमरनाथ यात्रा 3 अगस्त 2025 को रक्षा बंधन और श्रावण पूर्णिमा के साथ समाप्त होगी। इस बार यात्रा केवल 38 दिनों की होगी।
गुफा कहाँ है और रास्ता क्या है?
आपको बता दें कि अमरनाथ गुफा दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3888 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, जहाँ प्राकृतिक बर्फ से बना शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है। अमरनाथ गुफा तक पहुँचने के लिए श्रीनगर से 141 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है। वहीं, अमरनाथ यात्रा के लिए पहलगाम या बालटाल से रास्ते बनाए गए हैं। वर्ष 2025 में अमरनाथ तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 581 कंपनियाँ तैनात की गई हैं। वहीं, यात्रा मार्गों को नो-फ्लाई ज़ोन घोषित किया गया है।

