सुप्रीम कोर्ट ने द वायर के संपादकों के खिलाफ जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर की मानहानि याचिका पर सुनवाई 13 फरवरी तक की स्थगित
नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस) । सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को द वायर के संपादक और उप संपादक के खिलाफ समन को रद्द करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ जेएनयू की पूर्व प्रोफेसर अमिता सिंह की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी, जिसमें कथित तौर पर दावा किया गया था कि सिंह ने एक डोजियर तैयार किया था, जिसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को "संगठित सेक्स रैकेट का अड्डा" कहा गया।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने यह कहते हुए सुनवाई 13 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी कि इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए समय की जरूरत है।
सिंह ने 2016 में शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया गया था कि अप्रैल 2016 में द वायर के उप संपादक अजॉय आशीर्वाद महाप्रस्थ द्वारा लिखे गए एक लेख का शीर्षक था "डोजियर कॉल जेएनयू 'डेन ऑफ ऑर्गेनाइज्ड सेक्स रैकेट'; स्टूडेंट्स, प्रोफेसर्स एलीज हेट कैंपेन", इसमें कहा गया कि उन्होंने एक डोजियर तैयार किया है, जिसमें जेएनयू को संगठित सेक्स रैकेट के अड्डे के रूप में दर्शाया गया है।
सिंह ने अपनी मानहानि शिकायत में आरोप लगाया कि संपादक ने डोजियर की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की और इसका इस्तेमाल अपनी पत्रिका के मौद्रिक लाभ के लिए किया।
उन्होंने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उसके खिलाफ घृणा अभियान शुरू कर दिया है। 2017 में, उनकी शिकायत के बाद, दिल्ली की एक अदालत द्वारा वायर के संपादक सिद्धार्थ भाटिया और उप संपादक अजॉय आशीर्वाद के खिलाफ एक समन आदेश जारी किया गया था।
हालांकि, मार्च 2023 में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने समन आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसे सिंह के खिलाफ मानहानिकारक माना जा सके।
--आईएएनएस
सीबीटी