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द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इटली की दो दिवसीय यात्रा शुरू की

नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को इटली की अपनी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा शुरू की।
द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इटली की दो दिवसीय यात्रा शुरू की

नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को इटली की अपनी दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा शुरू की।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इटली की यह यात्रा प्रमुख यूरोपीय भागीदारों के साथ रणनीतिक और आर्थिक संबंधों को बढ़ाने तथा इटली के साथ द्विपक्षीय व्यापार और निवेश सहयोग को गहरा करने को लेकर भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।

यात्रा के दौरान, केंद्रीय मंत्री इटली के उप-प्रधानमंत्री तथा विदेश एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्री एंटोनियो तजानी के साथ भारत-इटली संयुक्त आर्थिक सहयोग आयोग (जेसीईसी) के 22वें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे।

यह मुलाकात भारत-इटली संयुक्त रणनीतिक कार्य योजना (जेएसएपी) 2025-2029 के शुभारंभ के बाद भारत-इटली द्विपक्षीय संबंधों में एक निर्णायक चरण के संदर्भ में हो रही है।

नवंबर 2024 में रियो डी जेनेरियो में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जॉर्जिया मेलोनी के बीच बैठक के बाद घोषित की गई यह योजना दस विषयगत स्तंभों पर आधारित है, जिसमें आर्थिक सहयोग पर मुख्य ध्यान दिया जाएगा।

रोम में 22वां जेसीईसी सेशन दोनों पक्षों को प्रगति का आकलन करने और इंडस्ट्री 4.0, एग्रीटेक, डिजिटलीकरण, एनर्जी ट्रांजिशन, सस्टेनेबल मोबिलिटी और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) जैसे उच्च प्रभाव वाले क्षेत्रों में सहयोग के लिए नए रास्ते तलाशने का अवसर प्रदान करेगा।

इन विचार-विमर्शों से द्विपक्षीय आर्थिक संपर्क को मजबूत करने और रणनीतिक औद्योगिक साझेदारी को बढ़ावा देने की उम्मीद है।

केंद्रीय मंत्री गोयल एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र ब्रेशिया में भारत-इटली ग्रोथ फोरम में एक उच्च स्तरीय भारतीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी करेंगे।

यह फोरम निवेश को बढ़ावा देने, बिजनेस टू बिजनेस लिंक बनाने और इनोवेशन-सस्टेनेबिलिटी से जुड़े क्षेत्रों में तालमेल तलाशने के लिए दोनों देशों के प्रमुख उद्यमों और हितधारकों को एक साथ लाएगा।

यह यात्रा भारत और देश के यूरोपीय भागीदारों के बीच बढ़ती राजनीतिक इच्छाशक्ति और आर्थिक आकांक्षाओं को दर्शाती है।

बयान में कहा गया है कि इस यात्रा का उद्देश्य साझा नेतृत्व दृष्टिकोण को ड्यूरेबल पार्टनरशिप में बदलना है जो इंक्लूसिव ग्रोथ, औद्योगिक परिवर्तन और वैश्विक आर्थिक मजबूती को बढ़ावा दे।

--आईएएनएस

एसकेटी/जीकेटी

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