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ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए इंडियन ऑयल 36,000 रिटेल आउटलेट्स पर सौर ऊर्जा का कर रहा उपयोग : हरदीप पुरी

नई दिल्ली, 4 जुलाई (आईएएनएस)। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए बिजली में आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी है और इसमें सौर ऊर्जा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए इंडियन ऑयल 36,000 रिटेल आउटलेट्स पर सौर ऊर्जा का कर रहा उपयोग : हरदीप पुरी

नई दिल्ली, 4 जुलाई (आईएएनएस)। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए बिजली में आत्मनिर्भरता बहुत जरूरी है और इसमें सौर ऊर्जा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने अपने 36,000 से अधिक खुदरा आउटलेट्स को पूरी तरह सौर ऊर्जा से संचालित करके भारत की इस ताकत का विस्तार किया है, जहां अधिकांश परिचालन सौर ऊर्जा से संचालित होते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह सराहनीय प्रयास न केवल बिजली बिलों को कम करता है बल्कि 'हरित भारत' के निर्माण में भी अमूल्य योगदान देता है।

उन्होंने कहा, "नया भारत अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के पूरक पहलुओं के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है। चाहे घर की छत हो, दफ्तर हो या फैक्ट्री... अगर थोड़ी सी भी जगह है, तो सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करें। यह ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करने का एक बड़ा साधन साबित हो रहा है।"

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले 11 वर्षों में भारत की सौर ऊर्जा क्षमता में भारी उछाल आया है जो 2014 में मात्र 2.82 गीगावाट से बढ़कर इस साल 31 मार्च तक 105.65 गीगावाट हो गई है।

कुल स्थापित सौर क्षमता में से ग्राउंड-माउंटेड इंस्टॉलेशन क्षमता 81.01 गीगावाट, रूफटॉप सोलर क्षमता 17.02 गीगावाट, हाइब्रिड प्रोजेक्ट के सौर घटकों की क्षमता 2.87 गीगावाट और ऑफ-ग्रिड सिस्टम क्षमता 4.74 गीगावाट है।

यह वृद्धि विभिन्न श्रेणियों में सौर ऊर्जा के निरंतर उपयोग को दर्शाती है।

सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में विस्तार को सौर सेल और वेफर्स के मजबूत घरेलू उत्पादन का समर्थन प्राप्त है, जो 2014 में लगभग न के बराबर था। भारत ने अब 25 गीगावाट सौर सेल उत्पादन और 2 गीगावाट वेफर उत्पादन के साथ एक मजबूत आधार तैयार कर लिया है।

इसके अलावा पुरी ने कहा कि दाखिल किए गए आयकर रिटर्न की संख्या वित्त वर्ष 2013-14 में 3.6 करोड़ से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2024-25 में 8.5 करोड़ हो गई है, जिसमें 95 प्रतिशत 30 दिनों के भीतर प्रोसेस किए गए हैं।

ये आंकड़े भारत की उभरती वित्तीय संस्कृति को दर्शाते हैं।

उन्होंने कहा कि जब कराधान का प्रबंधन ईमानदारी से किया जाता है, तो यह सशक्तिकरण का एक शक्तिशाली माध्यम बन जाता है। इसे मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में देखा जा सकता है।

--आईएएनएस

एबीएस/

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