मंडी जिले में कुत्तों की सतर्कता ने बचाई जानें, प्राकृतिक आपदा से हुए बचाव के मामले सामने
मंडी जिले के धर्मपुर उपमंडल के स्याठी गांव में एक दिलचस्प और हैरान करने वाला घटनाक्रम सामने आया है। यहां के पालतू कुत्तों ने भौंक कर अपने मालिक और पूरे गांव को एक भीषण प्राकृतिक आपदा से बचा लिया। यह घटनाक्रम 30 जून की रात का है, जब अचानक प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया और भयंकर प्राकृतिक आपदा का खतरा मंडराया।
घटना के अनुसार, स्याठी गांव के निवासी अपने घर में आराम से सो रहे थे, तभी उनके पालतू कुत्तों ने जोर-जोर से भौंकना शुरू कर दिया। कुत्तों के भौंकने की आवाज सुनकर घरवालों ने तुरंत ध्यान दिया और बिना किसी देर के अपनी जान बचाने के लिए इमारतों से बाहर निकल गए। कुत्तों की आवाज सुनकर घरवाले यह समझ गए कि कुछ गड़बड़ है और तभी भारी बारिश और लैंडस्लाइड ने गांव को अपनी चपेट में लिया। अगर कुत्तों की भौंकने की आवाज़ न आती, तो शायद पूरे परिवार के लिए यह हादसा बहुत भीषण हो सकता था।
अब, इसी तरह का एक और घटनाक्रम मंडी शहर के पड्डल वार्ड में सामने आया है, जहां लैंडस्लाइड के दौरान दो कुत्तियां लगातार भौंक-भौंक कर आसपास के लोगों को सचेत कर रही हैं। इन कुत्तियों की सतर्कता ने फिर से यह साबित कर दिया है कि पालतू जानवर किस तरह से इंसान के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। लैंडस्लाइड के दौरान कुत्तियों ने पूरे इलाके को जागरूक किया, जिससे किसी बड़े हादसे से बचने में मदद मिली।
यह घटनाएं यह दर्शाती हैं कि पालतू कुत्ते केवल घर के साथी ही नहीं, बल्कि खतरे के समय में एक सशक्त और जागरूक साथी भी हो सकते हैं। कुत्तों की यह सतर्कता लोगों के जीवन में एक सुरक्षा कवच का काम करती है, जो हमें यह याद दिलाती है कि इन जानवरों के प्रति हमारी जिम्मेदारी और स्नेह अधिक बढ़ जाता है।
इन घटनाओं ने यह भी दिखाया कि प्रकृति की ताकत से पहले कोई भी चेतावनी अक्सर कुत्तों जैसे जानवरों के माध्यम से ही सामने आती है, जो न केवल अपने मालिकों को बचाते हैं, बल्कि पूरे समाज को भी किसी भी प्राकृतिक आपदा से बचाने में मदद करते हैं।

