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हिमाचल में फिर बढ़ गए बेरोजगार, सरकार ने खुद दिए आंकड़े

हिमाचल प्रदेश में एक चीफ इंजीनियर की मौत से राजनीतिक माहौल काफी गर्म हो गया है। एचपीपीसीएल के मुख्य अभियंता की मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सोमवार को राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और विधानसभा में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर के बीच तीखी नोकझोंक हुई। सीएम सुखू ने कहा कि उच्चस्तरीय जांच में दोषी पाए जाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

सदन में हत्या पर बोलते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भाजपा के हाथों में हैं और कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए इन एजेंसियों का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। हालांकि, मुख्यमंत्री की टिप्पणी से भाजपा सदस्य नाराज हो गए और नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए।

इंजीनियर की पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप
मुख्य अभियंता विमल नेगी 10 मार्च को लापता हो गए थे और उनका शव 18 मार्च को बिलासपुर में मिला था। तब उनकी पत्नी ने आरोप लगाया था कि यह "आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या थी" और कहा था कि उनके पति काफी दबाव में थे, उन्हें छुट्टी भी नहीं दी जाती थी और खराब स्वास्थ्य के बावजूद वरिष्ठ अधिकारी उन्हें परेशान करते थे।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि विमल नेगी की पत्नी उनकी बहन के समान है तथा उन्होंने सदन को आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों की जान-माल की सुरक्षा करने में सक्षम है। आधुनिक तकनीक का उपयोग करके तथा अन्य राज्यों के साथ सूचना साझा करके जांच को अधिक प्रभावी बनाने पर जोर दिया जा रहा है।

कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है: जय राम ठाकुर
सीएम सुक्खू ने अपने कार्यकाल में अपराध की घटनाओं में कमी आने का दावा करते हुए सदन को बताया कि भाजपा शासन के दौरान 2017 से 2020 तक प्रदेश में कुल 44,426 मामले दर्ज किए गए, जबकि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में केवल 42,180 मामले दर्ज हुए, जो 5 प्रतिशत की कमी दर्शाता है। इसी तरह भाजपा शासन के दौरान बलात्कार के 759 मामले दर्ज किए गए, जबकि मौजूदा सरकार के शासन के दौरान 742 मामले दर्ज किए गए।

उन्होंने कहा कि सरकार ने नशे के खिलाफ लक्षित अभियान चलाया है और पीआईटी-एनडीपीएस अधिनियम के कार्यान्वयन के बाद इस बुराई पर कुछ हद तक अंकुश लगा है। उन्होंने नशे के खिलाफ लड़ाई में शिमला और सोलन के पुलिस अधीक्षकों की पहल की सराहना की तथा कहा कि पिछले दो वर्षों के दौरान नशा तस्करों की 25.42 करोड़ रुपये की सम्पत्ति जब्त की गई है।

इससे पहले नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा था कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है और पहली बार गैंगवार देखने को मिल रहा है। उन्होंने विमल नेगी की मौत की सीबीआई जांच की मांग दोहराई। सदन के बाहर मीडियाकर्मियों से बातचीत में जय राम ने कहा कि विपक्ष और मृतकों के परिजन लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ऐसा नहीं चाहती, क्योंकि जांच से कई बड़े खुलासे होंगे।

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