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हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश से तबाही: भूस्खलन के कारण 227 सड़कें बाधित, मंडी सबसे ज्यादा प्रभावित

हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश से तबाही: भूस्खलन के कारण 227 सड़कें बाधित, मंडी सबसे ज्यादा प्रभावित

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसके कारण सड़क, बिजली और पानी की आपूर्ति पर बुरा असर पड़ा है। गुरुवार सुबह 10 बजे तक पूरे राज्य में एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कुल 227 सड़कें आवाजाही के लिए पूरी तरह से बंद हो चुकी थीं।

आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला मंडी रहा, जहां 151 सड़कें और 119 जल आपूर्ति योजनाएं ठप पड़ी हैं। जगह-जगह मलबा और भारी पत्थर गिरने से यातायात पूरी तरह बाधित है। इसके अलावा कुल 52 बिजली ट्रांसफार्मर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे कई गांवों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है।

राज्य के अन्य जिलों में भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। लाहौल-स्पीति, चंबा, कुल्लू और शिमला जिलों से भी भूस्खलन और सड़कों के बंद होने की खबरें सामने आई हैं। कई ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क जिला मुख्यालय से कट चुका है। जल आपूर्ति योजनाएं बाधित होने से लोगों को पीने के पानी के लिए भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वह अनावश्यक यात्रा से बचें और पहाड़ी क्षेत्रों में जाने से फिलहाल परहेज करें। लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और बिजली बोर्ड की टीमें राहत व बहाली कार्य में जुटी हुई हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश राहत कार्यों में बाधा बन रही है।

मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी मध्य और ऊपरी हिमाचल के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। राज्य सरकार ने सभी जिला अधिकारियों को अलर्ट रहने और आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

हिमाचल प्रदेश में मानसून हर साल कहर बरपाता है, लेकिन इस बार शुरुआती दौर में ही हालात गंभीर हो गए हैं। सरकार और प्रशासन राहत व पुनः बहाली कार्यों में तेजी लाने के साथ-साथ नागरिकों से भी सतर्कता बरतने की अपील कर रहे हैं।

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