Samachar Nama
×

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जल शक्ति विभाग में टेंडर अनियमितताओं पर सख्त कदम, कार्यकारी अभियंता अजय शर्मा को हटाया

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जल शक्ति विभाग में टेंडर अनियमितताओं पर सख्त कदम, कार्यकारी अभियंता अजय शर्मा को हटाया

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जल शक्ति विभाग में टेंडर प्रक्रिया में पाई गई अनियमितताओं के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। हाल ही में जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने पाया कि विभाग के अधिकारी ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया से बचने के लिए काम को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर ऑफलाइन टेंडर जारी कर रहे हैं, जो नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।

अनियमितताओं का पर्दाफाश

सुनवाई के दौरान अदालत ने यह भी देखा कि इस प्रकार की प्रक्रिया से पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचता है, जिससे विभागीय भ्रष्टाचार और पक्षपात की आशंका बढ़ जाती है। ई-टेंडरिंग के बजाय ऑफलाइन टेंडर देने से सही मूल्यांकन और गुणवत्ता पर असर पड़ता है।

सख्त कार्रवाई: अजय शर्मा को हटाया गया

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट ने जल शक्ति विभाग के ज्वाली डिविजन के कार्यकारी अभियंता अजय शर्मा को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटाने का आदेश दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि उनकी सेवाएं वापस ली जाएंगी और उन्हें किसी भी वित्तीय या टेंडरिंग से संबंधित कार्यों में शामिल नहीं किया जाएगा।

राज्य सरकार को निर्देश

अदालत ने राज्य सरकार को भी निर्देश दिए हैं कि अजय शर्मा को विभाग के किसी भी महत्वपूर्ण वित्तीय या टेंडरिंग कार्य से दूर रखा जाए। साथ ही, उच्च न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को निर्धारित की है, जहां विभाग की स्थिति और सुधारात्मक कदमों की समीक्षा होगी।

विशेषज्ञों की राय

विधि विशेषज्ञों का मानना है कि हाईकोर्ट का यह कदम विभागीय पारदर्शिता और सुशासन को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा संदेश है। टेंडर प्रक्रिया में ईमानदारी और प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करना आवश्यक है ताकि सरकारी परियोजनाएं सुचारू और निष्पक्ष तरीके से पूरी हों।

Share this story

Tags