सैलाब देखकर जंगल की तरफ भागे, जो रह गए वो बह गए", धर्मशाला में जंगल में भागे शख्स ने रेस्क्यू के बाद सुनाई आप बीती

मंडी जिले में सोमवार रात बरसी आपदा के चलते ऐसी बाढ़ आई, जिसने रूह को झकझोर कर रख दिया। भारी बारिश और बादलों के फटने से नदियों और नहरों के कहर से लोग सालों तक उबर नहीं पाएंगे। कुछ घर ताश के पत्तों की तरह ढह गए, तो कुछ लोगों ने अपनों को हमेशा के लिए खो दिया। किसी का घर उसकी आंखों के सामने बह गया तो किसी की गोद सूनी हो गई। जिन बच्चों ने उस रात स्कूल का होमवर्क किया था, वे अगली सुबह लापता हो गए। गोहर उपमंडल की स्यांज पंचायत में ज्यूणी खड्ड के फटने से एक झटके में तीन पीढ़ियां खत्म हो गई हैं। जिस घर में दादी-परदादी अपने पोते-पोतियों को कहानियां सुनाया करती थीं, वह अब सिर्फ मलबा रह गया है। बाढ़ में परदादी, दादी, बेटा और पोता बह गए। झाबे राम का घर पक्का था।
उनके पड़ोसी पदम देव के घर की छत नहीं थी। बाढ़ का आभास होने पर वह भी अपनी पत्नी देवकू के साथ झाबे राम के घर पहुंच गए। झाबे राम के रिश्तेदारों के साथ यह दंपत्ति भी जान बचाने के लिए छत पर चले गए। लेकिन पानी के तेज बहाव ने सबकुछ बहा दिया। दोनों घरों की नींव भी नहीं बची। कभी गड्ढे से 200 मीटर की दूरी पर घर थे, आपदा के बाद उसका पता लगाना भी मुश्किल हो गया है।
रात भर हुई मूसलाधार बारिश के बाद धर्मपुर, करसोग, गोहर और थुनाग उपमंडलों में भारी तबाही मची है। कई घर बह गए, कई जगहों पर खेत और पशुधन नष्ट हो गए। गोहर उपमंडल के बाड़े में दादी और पोते आपदा की भेंट चढ़ गए। यहां ग्रामीणों ने चार लोगों की जान बचाई।
प्रदेश भर में 400 से अधिक सड़कें बंद
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बारिश के बाद प्रदेश में कुल 406 सड़कें बंद हैं, जिनमें से 248 अकेले मंडी जिले में हैं, जहां 994 ट्रांसफार्मर भी बाधित हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि 24 घर, 12 मवेशी शेड, एक पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं, 30 मवेशी मारे गए और मंडी जिले में फंसे नौ लोगों को निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है। एसईओसी ने बताया कि कुल 332 लोगों को बचाया गया है, जिनमें मंडी में 278, हमीरपुर में 51 और चंबा में तीन लोग शामिल हैं। मंडी जिले में गोहर में चार, करसोग में तीन, धरमपुर में दो और थुनाग में एक जगह बादल फटने की खबर है।
गोहर क्षेत्र में बारा में दो और तलवारा में एक की मौत हो गई, करसोग के पुराने बाजार में एक और जोगिंदरनगर के नेरी-कोटला में एक की मौत हो गई। मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि भारी बारिश के बाद बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से जिले में कुछ स्थानों पर व्यापक नुकसान हुआ है, जिसके कारण कई लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हमीरपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि 20 जून को मानसून सीजन की शुरूआत से अब तक हिमाचल प्रदेश को 500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।