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स जज़्बे को सलाम! छात्रों ने गर्भवती प्रोफेसर के लिए जो किया, वो बन गया इंसानियत की मिसाल

स जज़्बे को सलाम! छात्रों ने गर्भवती प्रोफेसर के लिए जो किया, वो बन गया इंसानियत की मिसाल

हिमाचल प्रदेश के थुनांग में बादल फटने के बाद बागवानी कॉलेज के छात्रों और प्रोफेसरों समेत करीब 150 लोग फंस गए। इनमें दो महिला प्रोफेसर गर्भवती थीं। बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था। लेकिन कॉलेज के छात्रों ने कुर्सी को पालकी बनाकर अपनी गर्भवती प्रोफेसर को 11 किलोमीटर पैदल चलकर सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया। इन छात्रों में 80 छात्राएँ थीं।

थुनांग में बंद सड़कों के बीच छात्रों ने की मदद

तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि कैसे छात्र कुर्सी को पालकी बनाकर अपनी महिला प्रोफेसर को बचा रहे हैं। बादल फटने के बाद थुनांग में हर तरफ तबाही का मंजर दिखाई दे रहा है। सड़कें बंद हो गई हैं। कॉलेज से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था। एम्बुलेंस कॉलेज के पास भी नहीं आ पा रही थी। ऐसे में छात्र और छात्राएँ गर्भवती प्रोफेसर को 11 किलोमीटर पैदल चलकर सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने में कामयाब रहे।

सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए थे

बता दें कि आपदा के समय कॉलेज में छात्रों समेत 150 लोग मौजूद थे। थुनांग कॉलेज को अब पूरी तरह से खाली करा लिया गया है। कॉलेज परिसर को बाहर स्थानांतरित कर दिया गया है। साथ ही, आपदा को देखते हुए थुनांग के सभी स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।

हिमाचल में हर तरफ तबाही

हिमाचल में पहाड़ टूट गए, सड़कें बह गईं, बादल फट गए, नदियाँ उफान पर हैं। मानसून की बारिश में तबाही के ऐसे भयावह मंजर हर जगह देखने को मिल रहे हैं। मानसून के दस्तक देते ही पहाड़ों के मलबे और उफनती नदियों के कहर के बीच हिमाचल फिर से कराहने लगा है। हिमाचल के मंडी ज़िले का थुनांग शहर बादल फटने के बाद 'भूतिया शहर' में तब्दील हो गया है। इस आपदा में अनगिनत जिंदगियाँ तबाह हो गई हैं।

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