हिमाचल में बारिश और भूस्खलन का कहर: 75 की मौत, 700 करोड़ का नुकसान, राज्य में हाई अलर्ट

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने इस बार भीषण तबाही मचाई है। भारी बारिश और भूस्खलनों ने राज्य के कई जिलों को अस्त-व्यस्त कर दिया है। 20 जून से 4 जुलाई 2025 के बीच अब तक 75 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 45 मौतें बारिश से संबंधित घटनाओं में हुई हैं, जबकि 30 मौतें आकस्मिक घटनाओं में दर्ज की गई हैं। यह जानकारी राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) द्वारा जारी आधिकारिक रिपोर्ट से सामने आई है।
मौत और तबाही का आंकड़ा डराने वाला
इन आकस्मिक मौतों में सड़क हादसे, बिजली का झटका और गैस विस्फोट जैसी घटनाएं शामिल हैं। अकेले सड़क दुर्घटनाओं में 27 लोगों की जान गई है, जिनमें से चंबा जिले में 6 और कुल्लू में 3 मौतें दर्ज की गईं। इस मानसूनी आपदा में 288 लोग घायल भी हुए हैं। राज्य भर में सार्वजनिक संपत्तियों और निजी ढांचे को व्यापक नुकसान पहुंचा है।
700 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
मुख्यमंत्री ने शिमला सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि राज्य को अब तक 700 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान हो चुका है। प्रभावित इलाकों में सड़कें ध्वस्त हो चुकी हैं, पुल बह गए हैं, और बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित हुई है। कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़कों से टूट चुका है।
पशुधन और खेती को भी भारी नुकसान
केवल इंसानी जान-माल ही नहीं, बल्कि कृषि और पशुपालन क्षेत्र को भी भारी क्षति हुई है।
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अब तक 10,168 पशु और पक्षी मारे गए, जिनमें लगभग 10,000 पोल्ट्री पक्षी और 168 मवेशी शामिल हैं।
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हजारों हेक्टेयर कृषि और बागवानी भूमि को नुकसान पहुंचा है, जिससे ग्रामीण इलाकों में भोजन और आय का संकट खड़ा हो गया है।
यह नुकसान अभी जारी आकलन का हिस्सा है और अनुमान है कि अंतिम आंकड़े और भी ज्यादा भयावह हो सकते हैं।
राहत कार्य जारी, हाई अलर्ट पर एजेंसियां
सरकार ने मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है और राहत व पुनर्वास कार्य युद्धस्तर पर जारी है। सभी जिलों में आपातकालीन सेवाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है। बचाव दल, एनडीआरएफ और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात किया गया है।
प्रशासन की अपील: सतर्क रहें, सलाह का पालन करें
भूस्खलन और अचानक बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने निचले इलाकों और पहाड़ी ढलानों पर बसे लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। जिला प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि लोग अनावश्यक यात्रा से बचें, नदी-नालों से दूर रहें और मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें।