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बरसात बनी अभिशाप! हिमाचल में भारी बारिश से 91 की जान गई सैकड़ों घर बर्बाद और अरबों का नुकसान, फिर जारी हुआ रेड अलर्ट 

बरसात बनी अभिशाप! हिमाचल में भारी बारिश से 91 की जान गई सैकड़ों घर बर्बाद और अरबों का नुकसान, फिर जारी हुआ रेड अलर्ट 

शुक्रवार को पूरे प्रदेश में मौसम साफ रहा, हालांकि कुछ स्थानों पर बादलों के साथ बारिश भी हुई। शिमला शहर से सटे जुब्बड़हट्टी में 47 मिमी और नारकंडा में 12 मिमी बारिश हुई। मौसम विभाग ने 17 जुलाई तक प्रदेश में कई स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 12 जुलाई को शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है, जबकि 13 जुलाई को भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम साफ रहने से मंडी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के साथ-साथ अवरुद्ध सड़कों को खोलने और वाहनों को आवागमन योग्य बनाने का काम तेज हो गया है।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, भूस्खलन और अन्य कारणों से एक राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) सहित 223 सड़कें बंद हैं। 151 ट्रांसफार्मर और 815 पेयजल योजनाएं भी ठप हैं। सबसे ज्यादा नुकसान मंडी जिले में हुआ है, जहां एक एनएच सहित 166 सड़कें, 143 ट्रांसफार्मर और 204 पेयजल योजनाएं बंद हैं। कांगड़ा जिले में 603 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।

अब तक 91 लोगों की मौत
इस मानसून सीजन में अब तक 91 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 34 लापता हैं और 131 लोग घायल हुए हैं। बारिश के कारण 432 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं, जबकि 928 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। अब तक राज्य को लगभग 749 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।

चंबा में भूकंप के झटके महसूस किए ग
चंबा जिले में शुक्रवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए, जिससे कुछ देर के लिए लोगों में डर का माहौल बन गया। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.5 मापी गई और इसका केंद्र जमीन की सतह से पांच किलोमीटर की गहराई पर था। भूकंप के झटके सुबह करीब 6:23 बजे महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता कम थी और इसकी अवधि कुछ ही सेकंड की थी। उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल ने बताया कि भूकंप की सूचना मिलते ही प्रशासनिक तंत्र सतर्क हो गया था।

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