प्री-प्राइमरी शिक्षक भर्ती के लिए अब दो चरणों में होगी दस्तावेजों की जांच, 20 हजार से अधिक आवेदक

प्री-प्राइमरी शिक्षक भर्ती के तहत अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की दो चरणों में जांच होगी। पहले चरण में साक्षात्कार लेने वाली कंपनी डिप्लोमा व अन्य प्रमाण पत्रों की जांच करेगी। दूसरे चरण में शिक्षा विभाग अपने स्तर पर प्रमाण पत्रों व अन्य दस्तावेजों की जांच करेगा। साक्षात्कार के दौरान कुछ फर्जी दस्तावेज व मान्यता प्राप्त संस्थानों के डिप्लोमा की शिकायतें मिलने के बाद अब दो स्तर पर जांच करने का निर्णय लिया गया है। 6297 पदों पर भर्ती पर अंतिम निर्णय शिक्षा विभाग लेगा। साक्षात्कार के लिए प्रदेश भर में 20 हजार से अधिक आवेदक पहुंचे थे। साक्षात्कार 14 निजी कंपनियों द्वारा लिए जा रहे हैं। 6297 प्री-प्राइमरी शिक्षकों को नियुक्ति देने से पहले उनके नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) डिप्लोमा की जांच की जाएगी। एनटीटी डिप्लोमा के फर्जी होने के संदेह पर शिक्षा निदेशक द्वारा जांच करने का निर्णय लिया गया है। इन दिनों प्रदेश में चल रही साक्षात्कार प्रक्रिया के दौरान कई जिलों से फर्जी डिप्लोमा दिखाने की शिकायतें मिली हैं। इसके चलते स्कूल शिक्षा निदेशक ने जिला अधिकारियों को नियुक्ति देने से पहले एनटीटी डिप्लोमा की जांच करने के आदेश जारी किए हैं।
शिक्षा निदेशक ने जिन निजी कंपनियों का साक्षात्कार लिया है, उनसे सभी दस्तावेजों की सही तरीके से जांच करने को कहा है। निदेशक ने साफ कहा है कि यदि किसी को फर्जी डिप्लोमा के आधार पर नौकरी दी गई तो संबंधित कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की सिफारिश की जाएगी। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि चयनित शिक्षकों को नियुक्ति देने से पहले उनकी शैक्षणिक योग्यता और एनसीटीई से मान्यता प्राप्त डिप्लोमा की जांच की जाएगी। इसके लिए शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में जिला स्तर पर कमेटियां गठित की जाएंगी। प्री-प्राइमरी शिक्षक भर्ती में एनसीटीई की गाइडलाइन मान्य होंगी। इसके लिए एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थान से दो वर्षीय एनटीटी डिप्लोमा अनिवार्य किया गया है। सरकार ने नर्सरी और केजी कक्षाओं वाले स्कूलों में भर्ती होने वाले शिक्षकों को प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा प्रशिक्षक का पद दिया है। 21 से 45 वर्ष की आयु के हिमाचली जिन्होंने बारहवीं कक्षा में 50 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, वे भर्ती के लिए पात्र होंगे। स्कूल शिक्षा निदेशक स्कूलवार रिक्तियों का निर्धारण करेंगे। पारिश्रमिक कर और सेवा प्रदाता शुल्क सहित 10 हजार रुपये प्रतिमाह तय किया गया है। इसमें एजेंसी शुल्क, जीएसटी, अन्य खर्च शामिल हैं।