हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर जारी, भूस्खलन और बाढ़ से 223 सड़कें बंद, जल और बिजली आपूर्ति पर भारी असर
हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में मानसून की बारिश ने जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। बीते 24 घंटों के दौरान राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भारी वर्षा दर्ज की गई है। इसके चलते भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने जैसी आपदाएं लगातार सामने आ रही हैं। प्रशासन द्वारा शुक्रवार सुबह 10 बजे तक की गई रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में कुल 223 सड़कें बंद, 151 बिजली ट्रांसफार्मर ठप, और 812 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
कहां कितनी बारिश हुई?
भारतीय मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, बीते 24 घंटों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश रिकॉर्ड की गई:
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मुरारी देवी: 68.2 मिमी
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बग्गी: 49.6 मिमी
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पंडोह: 45.0 मिमी
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स्लापड़: 42.1 मिमी
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बिलासपुर: 40.2 मिमी
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सुंदरनगर: 38.5 मिमी
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घाघस: 38.0 मिमी
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मंडी: 35.8 मिमी
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जुब्बड़हट्टी: 34.0 मिमी
मंडी और कांगड़ा जिले सबसे ज्यादा प्रभावित
मंडी जिला में बारिश का सबसे अधिक प्रभाव देखने को मिला है। यहां:
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166 सड़कें बंद हैं
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143 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं
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204 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हैं
वहीं कांगड़ा जिले के धर्मशाला, नूरपुर और देहरा उपमंडल में 603 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं, जिससे हजारों ग्रामीणों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
जनजीवन अस्त-व्यस्त
लगातार बारिश और भूस्खलन के कारण—
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पहाड़ी मार्गों पर यातायात पूरी तरह से बंद है
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गांवों का जिला मुख्यालयों से संपर्क टूट गया है
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कई क्षेत्रों में बिजली और पानी की आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो चुकी है
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स्कूलों में छुट्टियां घोषित कर दी गई हैं
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पर्यटन व्यवसाय पर भी बुरा असर पड़ा है
प्रशासन की तैयारी और अलर्ट
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने रेस्क्यू टीमें तैनात कर दी हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक अत्यधिक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की है, विशेषकर मंडी, कुल्लू, चंबा, कांगड़ा और शिमला जिलों के लिए। लोगों से बिना जरूरी कारण घर से बाहर न निकलने, और नदी-नालों से दूर रहने की अपील की गई है।

