मंडी की बाढ़ में मां-बाप और दादी को खो चुकी मासूम नितिका, गोद में उठाते ही छलक पड़े जयराम ठाकुर के आंसू
सराज क्षेत्र के परवाड़ा गाँव में 30 जून की रात जो हुआ, वह एक ऐसा हादसा था जिसने गाँव की साँसें छीन लीं। इस त्रासदी में 11 महीने की मासूम नितिका ने अपने माता-पिता और दादी को खो दिया और किस्मत ने उस मासूम बच्ची को रसोई के कोने में बचा लिया। मानो खुद भगवान ने उसे अपनी गोद में छिपा लिया हो। शुक्रवार को जब पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर परवाड़ा पहुँचे, तो वहाँ सन्नाटा छा गया। जैसे ही उन्होंने नन्ही बच्ची को गोद में लिया, उस पल ने सभी को भावुक कर दिया। जयराम ठाकुर की आँखें भी नम हो गईं। उन्होंने कहा, "मासूम बच्ची से मिलकर मेरा दिल टूट गया है।"
मासूम बच्ची का परिवार बाढ़ में बह गया
उन्होंने बच्ची को दुलारा और उसे कपड़े दिए और साथ ही 50,000 रुपये की आर्थिक सहायता भी दी। उन्होंने परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। नितिका के पिता नरेश कुमार, माँ और दादी उस रात घर बचाने की कोशिश में बह गए।वे पानी का बहाव दूसरी तरफ मोड़ने की कोशिश कर रहे थे कि अचानक तेज़ लहरों ने उन्हें घेर लिया और सब कुछ निगल लिया। रसोई में अकेली रह गई मासूम बच्ची सुबह गाँव वालों को रोती हुई मिली। वह तब काँप रही थी। भूखी ज़रूर थी, पर ज़िंदा थी।
नितिका का ध्यान रखेंगे मौसी और रिश्तेदार
पूर्व मुख्यमंत्री के लिए यह घटना सिर्फ़ एक राजनीतिक ज़िम्मेदारी ही नहीं, बल्कि एक निजी पीड़ा भी थी। नितिका का परिवार उनके पूर्व सुरक्षा अधिकारी बलवंत ठाकुर से जुड़ा है।बलवंत ठाकुर ने बताया कि कई लोग बच्ची को गोद लेना चाहते हैं, लेकिन मौसी और रिश्तेदारों का कहना है कि नितिका अब उनके लिए भाई, बहन और माँ की आखिरी निशानी है। वे उसे किसी को नहीं देंगे।

