Samachar Nama
×

देश के ही नहीं, दूसरे देशों के पर्वतीय राज्यों के लिए भी मॉडल स्टेट बना हिमाचल प्रदेश

पहाड़ों की चुनौतियों पर काबू पाते हुए हिमाचल प्रदेश एक आदर्श पहाड़ी राज्य बन गया है। न केवल भारत के अपने पहाड़ी राज्य, बल्कि दुनिया भर के देश भी इस आदर्श पहाड़ी क्षेत्र मॉडल का अध्ययन करने के लिए अपनी टीमें भेज रहे हैं। हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा, बुनियादी ढांचा विकास, पर्यटन, बागवानी, हरित ऊर्जा जैसे अनेक क्षेत्रों में मिसाल कायम की है।

हिमाचल के लोगों को एक सूत्र में बांधने वाली देवभूमि की लोक संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत दुनिया भर के विशेषज्ञों के लिए अध्ययन का केंद्र भी बन गई है। हिमाचल 15 अप्रैल को अपना 78वां स्थापना दिवस मना रहा है। 15 अप्रैल 1948 को जब यह प्रांत अस्तित्व में आया था, तब कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा बहुत खराब था। अधिकांश लोग शिक्षित नहीं थे। दूरदराज के क्षेत्र देश के बाकी हिस्सों और दुनिया की मुख्यधारा से कटे रहे, लेकिन हिमाचल राष्ट्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ता रहा। आज यहां आम आदमी का जीवन स्तर भी अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है। रोटी, कपड़ा और मकान की बुनियादी चिंताओं से आगे बढ़कर हिमाचल प्रगति के नए आयाम स्थापित कर रहा है। अनेक आर्थिक एवं अन्य चुनौतियों का सामना करते हुए इस पहाड़ी राज्य की प्रति व्यक्ति आय 2,57,212 रुपये तक पहुंच गई है।

हिमाचल दिवस पर सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। अपनी भव्य संस्कृति के लिए प्रसिद्ध इस राज्य के मेरे भाई-बहन अपने परिश्रम, प्रतिभा और वीरता के लिए जाने जाते हैं। यह विशेष अवसर आप सभी के जीवन में खुशियाँ, समृद्धि और स्वास्थ्य लेकर आए तथा हमारी देवभूमि को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ने में मदद करे...

हालांकि हिमाचल प्रदेश के सामने कई चुनौतियां हैं जैसे करीब एक लाख करोड़ रुपये का कर्ज उतारना, आर्थिक स्थिति को मजबूत करना, सड़कों की जगह हवाई और रेल नेटवर्क का विस्तार करना, सोने की तरह बहने वाले जल संसाधनों का समुचित दोहन करना, प्राकृतिक आपदाओं से निपटने समेत पर्यावरण की रक्षा करना, नशे की लत से निपटना आदि। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के इतिहासकार एवं डीन ऑफ स्टडीज प्रो. बी.के. शिवराम कहते हैं कि हिमाचल के गठन से लेकर इसे पूर्ण राज्य बनाने तक संघर्ष करने वाले डाॅ. यशवंत सिंह परमार के पास पहाड़ी राज्य को आगे ले जाने के लिए एक विशेष योजना थी। उनके बाद आए मुख्यमंत्री भी राज्य को विकास के पथ पर आगे ले जा रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश ने 1948 के बाद से सड़कों, बुनियादी ढांचे के विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा आदि के क्षेत्रों में काफी प्रगति की है। आज, उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले 60 से 65% छात्र लड़कियां हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षिक बुनियादी ढांचे के विकास का एक प्रमुख संकेतक है। कृषि और बागवानी के क्षेत्र में भी हिमाचल के किसानों और बागवानों ने अपनी अलग पहचान बनाई है। कई मामलों में हिमाचल प्रदेश देश के अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श राज्य बनकर उभरा है। वर्तमान में केंद्र और राज्य में अलग-अलग सरकारों के कारण राजनीतिक चुनौती अवश्य है, लेकिन यह अस्थायी ही है।

Share this story

Tags