
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि उनकी सरकार राज्य में मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड करने के लिए 1,100 करोड़ रुपये निवेश करने जा रही है। आज शिमला के हिमाचल प्रदेश राजकीय डेंटल कॉलेज में अंतर-कॉलेज कार्यक्रम ‘इरप्शन-2025’ की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चम्याणा में पहली रोबोटिक सर्जरी मशीन पहले ही आ चुकी है। उन्होंने कहा, “एम्स जैसे उपकरण हमारे मेडिकल कॉलेजों में लाए जा रहे हैं। तीन महीने के भीतर राज्य के मेडिकल कॉलेजों में पीईटी स्कैन और 3-टेस्ला एमआरआई मशीनें स्थापित की जाएंगी और एक साल के भीतर स्वास्थ्य सेवा में बड़े बदलाव दिखाई देंगे।”
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ने वजीफा बढ़ाया है, एमडी डॉक्टरों के भत्ते को 60,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये कर दिया है, जबकि सुपर-स्पेशलिटी डॉक्टरों के लिए भी इसी तरह की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने कहा, “एमडी की पढ़ाई कर रहे डेंटल छात्रों के वजीफे में भी इसी तरह की बढ़ोतरी की जाएगी।” स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा दिखाने तथा व्यक्तित्व निर्माण के लिए उपयुक्त मंच प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि आज के युवा हमारे देश का भविष्य हैं। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार ने अनाथ बच्चों को ‘प्रदेश के बच्चे’ के रूप में गोद लिया है, ताकि उनकी देखभाल तथा शिक्षा सुनिश्चित की जा सके। अनाथ बच्चों को कानूनी अधिकार प्रदान करने वाला ऐसा कानून बनाने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है। उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों को पांच लाख रुपये देने की घोषणा की।