'पापा! ये लो 1660 रुपये...' आपदा पीड़ितों की मदद के लिए इंसानियत की मिसाल बनी ये छोटी बच्ची, छोटी सोच ने बड़ा संदेश दिया
आपदा पीड़ितों के लिए नन्हीं बच्ची का प्रयास सराहनीय है। सुंदरनगर की छठी कक्षा की छात्रा मोक्षथिका ने अपना गुल्लक तोड़कर उसमें मिले 1660 रुपये अपने पिता को सौंपे और कहा कि इन पैसों से कुछ सामान खरीदकर सराज के आपदा पीड़ितों के लिए भेज देना। साथ ही उसने कहा कि मेरे पैसों के साथ आप और मम्मी भी कुछ पैसे दें। यह ज्यादा तो नहीं होगा, लेकिन कुछ मदद जरूर होगी। सुंदरनगर उपमंडल के कपाही क्षेत्र के एक निजी स्कूल में छठी कक्षा में पढ़ने वाली अपनी बेटी का यह साहस देख माता-पिता की आंखों में आंसू आ गए।
परिवार ने तैयार किए 100 किट
दोनों ने प्रण लिया कि वे अपने स्कूल के माध्यम से आपदा पीड़ितों के लिए जो भी कर सकेंगे, करेंगे। कपाही में निजी स्कूल चलाने वाले मोक्षथिका के पिता कर्म सिंह ठाकुर ने रविवार को स्कूल स्टाफ से अनुरोध कर बैठक बुलाई और अपनी बेटी की सोच सबके सामने रखी। सभी के सहयोग से पिता कर्म सिंह व माता रुक्मणी ने प्रभावित परिवारों के लिए जरूरी सामान की 100 किट तैयार की।
थुनाग में प्रभावितों की मदद की
इसके बाद स्कूल के अध्यक्ष हरि सिंह ठाकुर की अगुवाई में स्कूल की राहत टीम राशन व कपड़ों की किट लेकर देर शाम थुनाग पहुंची। प्रधानाचार्य वीरेंद्र भारती, स्कूल के संस्थापक सदस्य कर्म सिंह ठाकुर, पूर्व प्रधानाचार्य रुक्मणी ठाकुर, एसएमसी अध्यक्ष बनिता, अध्यापिका मंजू वर्मा, कुसुम ठाकुर, लक्की ठाकुर, बस चालक जयलाल ठाकुर, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सरला देवी व घनश्याम राणा विशेष रूप से मौजूद रहे।

