बादल फटे, सड़कें टूटी, हिमाचल में ब्यास नदी का ऐसा रौद्र रूप, मंडी में भारी तबाही

हिमाचल प्रदेश में 20 जून से शुरू हुए मानसून ने दस दिनों में भारी तबाही मचाई है। मूसलाधार बारिश के कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों में बाढ़ का कहर जारी है। अब तक बादल फटने की 15 घटनाओं में 51 लोगों की जान जा चुकी है। 15 लोग लापता हैं। 2 दर्जन से अधिक घर तबाह हो गए हैं। वहीं, 3 राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 460 सड़कें बंद हैं। 550 बिजली आपूर्ति ठप हो गई है और जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। मंडी जिले में बादल फटने की कई घटनाएं सामने आई हैं। करसोग उपमंडल में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। खेत बह गए हैं, सड़कें बंद हो गई हैं।
मंडी के गोहर क्षेत्र के स्यांज गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन का कहना है कि भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं से मंडी जिले के विभिन्न हिस्सों में भारी नुकसान हुआ है। 8 जगहों पर बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। पंडोह बाजार में जलभराव के कारण स्थिति और खराब हो गई और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। मंडी में जगह-जगह अचानक बाढ़
बाखली और कुकलाह पुल बह गए हैं, जबकि चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद हो गया है। पटीकरी जलविद्युत परियोजना को भी भारी नुकसान हुआ है। मंडी में जगह-जगह अचानक बाढ़ आई है। मंडी में हुई तबाही में 4 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 15 लापता हैं। हिमाचल में अब तक 24 लोग आपदाओं का शिकार हो चुके हैं और 26 से अधिक लोग आपदाओं के कारण हादसों का शिकार हुए हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और जिला प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
भारी बारिश की चेतावनी
हिमाचल मौसम विभाग अभी भी 6 जुलाई तक राज्य के अधिकांश जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दे रहा है। शिमला मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक संदीप कुमार का कहना है कि 2 और 3 जुलाई को 6 जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है और 5 और 6 जुलाई को फिर से 8 जिलों में ऑरेंज अलर्ट है।