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5 जगह बादल फटे, 4 मौतें, 52 लापता...हिमाचल में बारिश ने कहां और कितना कहर ढाया? 

मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट के बीच हिमाचल में बुधवार को आसमान से आफत बरपा। हालांकि आज मौसम खुलने से कुछ राहत मिली है। लापता लोगों की तलाश के लिए बचाव अभियान तेज कर दिया गया है। जीवनाला में दोपहर बाद बादल फटने के बाद....
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मौसम विभाग के ऑरेंज अलर्ट के बीच हिमाचल में बुधवार को आसमान से आफत बरपा। हालांकि आज मौसम खुलने से कुछ राहत मिली है। लापता लोगों की तलाश के लिए बचाव अभियान तेज कर दिया गया है। जीवनाला में दोपहर बाद बादल फटने के बाद गुरुवार को पिन पार्वती नदी का जलस्तर कम हो गया है। ऐसे में बिहाली गांव में लापता तीन लोगों की तलाश के लिए बचाव दल मौके पर पहुंच गया है। एनडीआरएफ की टीम भी पहुंच गई है। बुधवार को धर्मशाला और कुल्लू में पांच जगहों पर बादल फटने के बाद हुई व्यापक तबाही के बीच चार लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब नौ लोग लापता हैं। इसमें कुल्लू में तीन और धर्मशाला में पांच से छह लोग लापता हैं।

एक मजदूर को बचाया गया

खनियारा स्थित मनुनी खड्ड में बहे मजदूरों को खोजने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का बचाव अभियान दूसरे दिन भी जारी रहा। बचाव दलों ने एक मजदूर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। जबकि एक अन्य मजदूर का शव गड्ढे से बरामद हुआ है। पिछले दो दिनों में अब तक कुल तीन श्रमिकों के शव बरामद किए जा चुके हैं। एनडीआरएफ के कमांडेंट बलजिंदर सिंह खुद मौके पर हैं। बारिश के कारण कुछ समय के लिए बचाव अभियान प्रभावित हुआ है। माना जा रहा है कि 5 से 6 श्रमिक अभी भी लापता हैं। कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने बताया कि गड्ढे में अत्यधिक पानी होने के कारण परियोजना के आठ श्रमिकों के बह जाने की सूचना है।

नहर में बाढ़ के कारण बकरथाच में फंसे 50 पर्यटक-ट्रैकर्स को बचाया गया

प्रशासन ने बकरथाच से 50 पर्यटक ट्रैकर्स को बचाया है। ये सभी भारी बारिश के बाद बकरथाच में फंस गए थे। यहां एक नाले में बाढ़ आने के कारण 50 ट्रैकर्स को बकरथाच में रात बितानी पड़ी। प्रशासन ने सुबह इन्हें रेस्क्यू किया। उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने बताया कि 27, 28 को ऑरेंज अलर्ट है, पर्यटकों से अपील की है कि वे मौसम के अनुसार यात्रा करें और नदी-नालों के पास न जाएं।

कुल्लू जिले में सैंज के जीवनाला, गड़सा के शिलागाड़, मनाली में स्नो गैलरी और बंजार के होरांगड़ में बादल फटने से बाढ़ आ गई। इससे आठ गाड़ियां, 10 छोटे पुल और एक बिजली परियोजना प्रभावित हुई। सैंज के रैला बिहाल में बादल फटने से तीन लोग बह गए। सैंज घाटी के शशर, शांघड़ और सुचैहन पंचायत क्षेत्रों में 150 से अधिक पर्यटक वाहनों के साथ सैकड़ों पर्यटक फंस गए। होरांगड़ में बंजार-बथाहर सड़क पर बादल फटने से आई बाढ़ में एक पुल और एक वाहन बह गया। सरकारी प्राथमिक स्कूल में मलबा घुसने के बाद स्थानीय लोगों ने छात्रों को बचाया। कुल्लू की गड़सा घाटी में हुरला नाला, पंचा नाला और मनिहार नाला के साथ पैदल पुल 10 छोटे पुल बह गए। बुधवार को गगल एयरपोर्ट पर चार उड़ानें रद्द रहीं, लेकिन दिल्ली और शिमला की दो उड़ानें रद्द रहीं। खराब मौसम के कारण शिमला और कुल्लू से कोई उड़ान नहीं हुई। इतने दिनों तक जारी रहेगी बारिश

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश में कई स्थानों पर भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 27, 28, 1 और 2 जुलाई के लिए भी येलो अलर्ट जारी किया गया है। 29 और 30 जून को प्रदेश में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। मौसम विभाग ने आज पांच जिलों चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर के कुछ इलाकों में बाढ़ की चेतावनी भी जारी की है। पिछले 24 घंटों के दौरान पालमपुर 76.6, बंजार 75.4, बैराज 55.0, धर्मशाला 40.1, नारकंडा 39.0, शिलारू 33.6, चंबा 32.0, ऊना 30.6, सराहन 28.4, बैजनाथ: 28.0, अंब 26.0 और रामपुर में 25.0 मिमी बारिश दर्ज की गई। देर रात तक अपडेट लेते रहे सीएम

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू देर रात तक स्थानीय प्रशासन से बादल फटने और भारी बारिश से हुए नुकसान की अपडेट लेते रहे। उन्होंने प्रशासन को प्रभावितों की तुरंत मदद करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावितों को हरसंभव मदद दी जा रही है। मुख्यमंत्री देर रात तक संबंधित अधिकारियों के संपर्क में थे। वहीं, सीएम ने पर्यटकों से अपील की कि वे बिना किसी डर के हिमाचल आएं और मानसून सीजन का लुत्फ उठाएं, लेकिन सीएम ने उन्हें नदियों और नहरों के पास न जाने की सलाह दी। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बादल फटने से हुए जान-माल के नुकसान पर दुख जताया है।

पंडोह डैम में गाद, देहर पावर हाउस में बिजली उत्पादन अस्थायी रूप से बंद, बीबीएमबी अलर्ट पर

जिला कुल्ल में पिछले दिन हुई भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के कारण ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे पंडोह डैम का जलस्तर भी बढ़ गया है। हालांकि, फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और स्थिति सामान्य बनी हुई है। बीबीएमबी सुंदरनगर के अधीक्षण अभियंता अजय पाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को बांध का जलस्तर 2925 फीट दर्ज किया गया। उस समय बांध में करीब 33 हजार क्यूसेक पानी बह रहा था और बांध के गेटों से 29 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा था। 2023 के बरसात सीजन में पंडोह बांध में 2 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया, जिससे भारी नुकसान हुआ है। वहीं पंडोह बांध में भारी गाद आने के कारण बुधवार शाम 7:00 बजे से बग्गी टनल के माध्यम से देहर पावर हाउस को पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई है, जिससे बिजली उत्पादन अस्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार जब तक बांध में गाद की मात्रा सामान्य नहीं हो जाती, तब तक सुरंग से पानी नहीं छोड़ा जाएगा। वीरवार सुबह 10:00 बजे बांध का जलस्तर 2913 फीट मापा गया, जो खतरे के निशान 2941 फीट से काफी नीचे है। फिलहाल बांध में करीब 20 हजार क्यूसेक पानी आ रहा है और इतना ही पानी आगे भी छोड़ा जा रहा है। बांध के सभी पांच गेट खुले हैं ताकि पानी का प्रवाह नियमित बना रहे।

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