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चिट्टा और एमडीएमए तस्करी के मामले में दोषी को 10 साल की सजा, एक लाख रुपये जुर्माना

चिट्टा और एमडीएमए तस्करी के मामले में दोषी को 10 साल की सजा, एक लाख रुपये जुर्माना

चिट्टा और एमडीएमए (मेथिलीन डाई ऑक्सी मेथाम्फेटामाइन) जैसे खतरनाक नशीले पदार्थों की तस्करी के मामले में अदालत ने कड़ा फैसला सुनाया है। जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश देविंद्र कुमार की अदालत ने दोषी रोशन कुमार झा को 10 साल के कठोर कारावास और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि यदि दोषी जुर्माने की राशि अदा नहीं करता है, तो उसे एक साल का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

अदालत ने यह फैसला सभी गवाहों के बयानों, प्रस्तुत साक्ष्यों और अभियोजन पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद सुनाया। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी समाज के लिए गंभीर खतरा है, विशेषकर युवाओं को बर्बाद करने वाले इस अपराध पर सख्त सजा आवश्यक है, ताकि समाज में एक मजबूत संदेश जाए।

यह मामला 16 अक्टूबर 2022 का है। उस दिन स्पेशल सेल की टीम एएसआई अंबीलाल के नेतृत्व में शोघी क्षेत्र में नियमित गश्त पर थी। इसी दौरान पुलिस को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली। जांच और कार्रवाई के दौरान पुलिस ने रोशन कुमार झा को चिट्टा और एमडीएमए जैसे प्रतिबंधित नशीले पदार्थों के साथ पकड़ा था। मौके पर की गई कार्रवाई के बाद आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।

जांच के दौरान पुलिस ने नशीले पदार्थों की बरामदगी, जब्ती मेमो, गवाहों के बयान और अन्य तकनीकी साक्ष्य अदालत में पेश किए। अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि आरोपी लंबे समय से नशीले पदार्थों की तस्करी में संलिप्त था और समाज में नशे के फैलाव का जरिया बन रहा था। वहीं, बचाव पक्ष की दलीलों को अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में खारिज कर दिया।

अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी केवल कानून का उल्लंघन नहीं है, बल्कि यह सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने वाला अपराध है। ऐसे अपराधों में लिप्त लोगों के प्रति नरमी समाज के लिए घातक हो सकती है।

इस फैसले के बाद पुलिस और प्रशासन ने इसे नशे के खिलाफ चल रही मुहिम में एक बड़ी सफलता बताया है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की सख्त सजाएं नशा तस्करों के हौसले पस्त करेंगी और युवाओं को नशे की गिरफ्त में जाने से रोकने में मददगार साबित होंगी।

यह मामला एक बार फिर यह दर्शाता है कि नशीले पदार्थों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई लगातार जारी है और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

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