Himachal के स्कूलों में ऑनलाइन की जगह वैध जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर भी मिलेगा दाखिला, निदेशालय ने दिए निर्देश

हिमाचल प्रदेश के स्कूलों में विद्यार्थी अब ऑनलाइन के बजाय वैध जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर प्रवेश ले सकेंगे। प्राथमिक शिक्षा निदेशक द्वारा यह व्यवस्था बाहरी राज्यों के विद्यार्थियों को स्कूलों में प्रवेश लेने में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए की गई है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक आशीष कोहली की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि दाखिले के लिए अस्पतालों, आंगनबाड़ियों, नर्सरी से प्राप्त उपस्थिति रिकॉर्ड या अभिभावकों की घोषणा भी मान्य होगी। शिक्षा निदेशक की ओर से सभी जिला उपनिदेशकों को जारी पत्र में कहा गया है कि राजकीय विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया के दौरान ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र (फार्म नंबर 5) की स्वीकृति को लेकर कुछ संशय हैं।
क्षेत्रीय कार्यालय से प्राप्त कई अभ्यावेदनों के बाद यह मुद्दा प्रकाश में आया है। यह बताया गया है कि राज्य के बाहर से आने वाले छात्र इस विशिष्ट दस्तावेज को ऑनलाइन जमा करने में असमर्थ हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रवेश प्रक्रिया में जटिलताएं और देरी हो रही है। निदेशालय ने 15 फरवरी 2025 के पिछले पत्र को निरस्त करते हुए इस बात पर जोर दिया कि ऑनलाइन जन्म प्रमाण पत्र एक आवश्यक दस्तावेज है, लेकिन इसका अभाव छात्रों के प्रवेश में बाधा नहीं बनना चाहिए। शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 और हिमाचल प्रदेश आरटीई नियम, 2011 के अनुसार, जन्म प्रमाण पत्र सहित आयु के प्रमाण के अभाव में किसी भी बच्चे को प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता।
आरटीई अधिनियम की धारा 14 के अनुसार, प्रवेश के लिए बच्चे की आयु का निर्धारण जन्म, मृत्यु और विवाह पंजीकरण अधिनियम, 1886 के तहत जारी वैध जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर किया जाना चाहिए। हालांकि, जो छात्र ऐसे प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर सकते, उनके लिए कानून वैध आयु प्रमाण के रूप में अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने की भी अनुमति देता है। पत्र में सभी स्कूलों से इन दिशानिर्देशों का पालन करने का आग्रह किया गया है, ताकि विद्यार्थियों के नामांकन में अनावश्यक व्यवधानों से बचा जा सके तथा विशेष रूप से राज्य में आने वाले विद्यार्थियों के लिए सुचारू प्रवेश सुनिश्चित किया जा सके।