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हिमाचल प्रदेश में तबाही का मंजर: बादल फटने की 11 घटनाएं, 10 की मौत और 500 करोड़ का नुकसान

हिमाचल प्रदेश इन दिनों कुदरत के कहर से कराह रहा है। मंगलवार, 2 जुलाई 2025 को राज्य के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने की 11 घटनाएं सामने आईं, जिनमें अकेले मंडी जिले के गोहर, करसोग, थुनाग और धर्मपुर क्षेत्रों में 7 स्थानों पर भारी तबाही हुई। इन घटनाओं में अब तक 10 लोगों की मौत और 30 से ज्यादा लोगों के लापता होने की सूचना है.....
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हिमाचल प्रदेश इन दिनों कुदरत के कहर से कराह रहा है। मंगलवार, 2 जुलाई 2025 को राज्य के विभिन्न हिस्सों में बादल फटने की 11 घटनाएं सामने आईं, जिनमें अकेले मंडी जिले के गोहर, करसोग, थुनाग और धर्मपुर क्षेत्रों में 7 स्थानों पर भारी तबाही हुई। इन घटनाओं में अब तक 10 लोगों की मौत और 30 से ज्यादा लोगों के लापता होने की सूचना है। कई मकान ढह गए हैं, सैकड़ों पेड़ बह गए हैं और कई गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

सबसे ज्यादा तबाही मंडी में, ब्यास नदी उफान पर

मंडी जिले में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं। गोहर में आए तेज़ सैलाब ने 9 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। चुलाथाज गांव में तो ऐसा सैलाब आया कि देवदार के सैकड़ों पेड़ तिनकों की तरह बह गए। ब्यास नदी का जलस्तर भी खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। पंडोह डैम में जलस्तर 2922 फीट के पास पहुंच गया है, जबकि खतरे का निशान 2941 फीट पर है।

बाढ़ का पानी पंचवक्त्र महादेव मंदिर तक पहुंच गया है और मंडी शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो गया है। सभी छोटे-बड़े नदी-नाले उफान पर हैं और कई सड़कें बंद हो गई हैं।

मुख्यमंत्री ने जताया 500 करोड़ के नुकसान का अनुमान

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि अब तक राज्य को करीब 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है, और यह आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है। उन्होंने अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

राज्य के मंडी, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और शिमला जिलों में भारी बारिश और फ्लैश फ्लड की चेतावनी दी गई है।

सैकड़ों सड़कें बंद, हजारों ट्रांसफार्मर ठप

राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश में कुल 406 सड़कें बंद हैं, जिनमें 248 सड़कें मंडी जिले में ही हैं। 994 ट्रांसफार्मर पर असर पड़ा है जिससे कई इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है।

चंडीगढ़-मनाली चार लेन हाईवे भी कई स्थानों पर अवरुद्ध है। यात्रियों को द्वाडा, झलोगी और बनाला में रुकना पड़ा। कमांद-कटौला-बजौरा मार्ग केवल हल्के वाहनों के लिए चालू है।

बचाव अभियान में जुटीं NDRF और SDRF टीमें

मंडी जिले में फंसे लोगों को बचाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें पुलिस और होमगार्ड्स के साथ मिलकर काम कर रही हैं।

  • अब तक 332 लोगों को बचाया गया है।

    • मंडी में: 278 लोग

    • हमीरपुर में: 51 लोग

    • चंबा में: 3 लोग

इन घटनाओं में 24 मकान, 12 पशुशालाएं, एक पुल और कई सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। साथ ही 30 मवेशियों की मौत भी हुई है।

जिन्होंने जान गंवाई

  • मंडी के बाड़ा क्षेत्र में 2 मौतें

  • तलवारा में 1 व्यक्ति की मौत

  • करसोग के पुराने बाजार में 1 व्यक्ति की मौत

  • नेरी-कोटला, जोगिंदरनगर में 1 शव बरामद

मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि स्थिति बेहद गंभीर है और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

2023 की बाढ़ की यादें फिर से ताज़ा

इस बार की बारिश और तबाही ने हिमाचल को एक बार फिर 2023 की भयावह बाढ़ की याद दिला दी है। उस समय भी मंडी और कुल्लू जैसे जिलों में भारी नुकसान हुआ था।

इस बार फर्क इतना है कि बादल फटने की घटनाएं अधिक केंद्रित और विनाशकारी रही हैं। रात के अंधेरे में सैलाब आया, जिससे लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला।

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