सरकारी अस्पताल में डिलीवरी के बाद महिला की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
हरियाणा के भटसाना गांव में एक महिला की डिलीवरी के बाद मौत हो गई, जिससे परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मामला रविवार, 27 जुलाई 2025 का है, जब मोनिका नामक महिला को डिलीवरी के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। महिला को जब डिलीवरी का दर्द हुआ, तो उसे रात के समय अस्पताल में भर्ती किया गया, जहाँ उसने नॉर्मल डिलीवरी से एक बेटे को जन्म दिया। हालांकि, नॉर्मल डिलीवरी के कुछ ही समय बाद महिला की मौत हो गई, जिससे परिवार में कोहराम मच गया।
परिजनों के अनुसार, मोनिका की डिलीवरी के बाद एक घंटे के भीतर ही उसकी मृत्यु हो गई। महिला की मौत से परिवार के सदस्य गहरे शोक में डूब गए, लेकिन सबसे बड़ी बात यह रही कि इस घटना के बाद परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाना शुरू कर दिया। उनका कहना है कि यदि समय रहते उचित इलाज और निगरानी की जाती, तो उनकी बहन की जान बच सकती थी।
अस्पताल से शव लेकर परिजन वापस लौटे
मोनिका की मौत के बाद उसके परिजनों ने शव को लेकर गांव वापस लौटने का निर्णय लिया। परिजनों ने अंतिम संस्कार की तैयारी की, लेकिन उसके बाद कुछ समय बाद शव को फिर से अस्पताल वापस लाए। वे चाहते थे कि शव का पोस्टमॉर्टम किया जाए और उनकी बहन की मौत की असल वजह का पता चले। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पोस्टमॉर्टम की मांग
परिजनों का कहना है कि वे इस मामले की पूरी जांच करवाना चाहते हैं। वे यह भी चाहते हैं कि शव का पोस्टमॉर्टम बोर्ड से कराया जाए, ताकि यह साफ हो सके कि महिला की मौत की असल वजह क्या थी। वे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की भी मांग कर रहे हैं। परिजनों ने यह भी कहा कि वे इस मामले को उठाने में पीछे नहीं हटेंगे और हर संभव कदम उठाएंगे, ताकि ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों।
अस्पताल प्रशासन की ओर से प्रतिक्रिया
इस मामले पर अस्पताल प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि, पुलिस और अन्य संबंधित विभागों को मामले की सूचना दे दी गई है। फिलहाल जांच चल रही है, और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात की जा रही है।
सवालों के घेरे में सरकारी अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं
यह घटना सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर एक बड़ा सवाल उठाती है। सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए अक्सर बड़ी संख्या में लोग आते हैं, और यहां पर डिलीवरी जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में अगर लापरवाही होती है, तो यह मरीजों के लिए गंभीर परिणाम साबित हो सकती है। यह घटना सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर करती है।
अंत में, मोनिका की मौत ने न केवल उसके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि इसने सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े किए हैं। अब यह देखना होगा कि अस्पताल प्रशासन इस मामले पर किस तरह की कार्रवाई करता है और परिवार को न्याय मिलता है या नहीं।
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