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एक जनवरी को प्रदेश को मिलेगा नया डीजीपी, यूपीएससी ने पैनल पर चर्चा के लिए कल बुलाई बैठक

हरियाणा को एक जनवरी को नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मिलेगा। राज्य सरकार की ओर से भेजे गए पांच अधिकारियों के पैनल में से तीन अधिकारियों के चयन के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) 31 दिसंबर को बैठक बुलाई है। इनमें तीन अधिकारियों की सूची राज्य सरकार को भेजी जाएगी।

हरियाणा को 1 जनवरी को नया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मिलने जा रहा है। राज्य की कानून-व्यवस्था की कमान संभालने वाले इस अहम पद के लिए चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। राज्य सरकार द्वारा भेजे गए पांच वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों के पैनल में से तीन नामों के चयन के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने 31 दिसंबर को बैठक बुलाई है।

सूत्रों के अनुसार, यूपीएससी की इस बैठक में अधिकारियों की सेवा अवधि, अनुभव, कार्यप्रणाली और सतर्कता रिकॉर्ड जैसे पहलुओं पर विचार किया जाएगा। बैठक के बाद आयोग तीन अधिकारियों का शॉर्टलिस्ट पैनल राज्य सरकार को भेजेगा, जिनमें से एक को हरियाणा का नया डीजीपी नियुक्त किया जाएगा।

मौजूदा डीजीपी के कार्यकाल को देखते हुए राज्य सरकार पहले ही नए डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर चुकी थी। इसके तहत तय मानकों के अनुसार योग्य अधिकारियों की सूची तैयार कर यूपीएससी को भेजी गई थी। अब आयोग की मुहर के बाद नियुक्ति की औपचारिक घोषणा की जाएगी।

नया डीजीपी ऐसे समय में पदभार संभालेगा, जब हरियाणा में कानून-व्यवस्था, साइबर अपराध, नशा तस्करी, महिला सुरक्षा और संगठित अपराध जैसे मुद्दे प्रमुख चुनौती बने हुए हैं। इसके अलावा, नए साल और आगामी प्रशासनिक गतिविधियों के मद्देनजर पुलिस विभाग की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।

राज्य सरकार की ओर से यह संकेत दिए गए हैं कि नए डीजीपी से सख्त लेकिन संवेदनशील पुलिसिंग, अपराध नियंत्रण और जनता के साथ बेहतर संवाद की उम्मीद की जा रही है। खासतौर पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पुलिस की कार्यक्षमता बढ़ाने, आधुनिक तकनीक के उपयोग और फील्ड पुलिसिंग को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।

यूपीएससी की चयन प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष माना जाता है। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार, डीजीपी की नियुक्ति के लिए राज्यों को वरिष्ठ अधिकारियों का पैनल यूपीएससी को भेजना होता है, जिसके बाद आयोग तीन नामों की सिफारिश करता है। इसका उद्देश्य राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त और योग्यता आधारित चयन सुनिश्चित करना है।

पुलिस महकमे के भीतर भी इस नियुक्ति को लेकर उत्सुकता बनी हुई है। वरिष्ठ अधिकारी और पुलिसकर्मी नए डीजीपी से संगठनात्मक सुधार, बेहतर कार्य वातावरण और अनुशासनात्मक संतुलन की उम्मीद कर रहे हैं।

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