जाट आरक्षण मामले में दलजीत सिहाग को बेड़ियों में परेड कराने पर बवाल, फुटेज में देखें समर्थन में उतरे सांसद हनुमान बेनीवाल
जाट आरक्षण आंदोलन हिंसा मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दलजीत सिहाग को बेड़ियां पहनाकर बाजार में परेड कराने का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। खाप पंचायतों के समर्थन के बाद अब राजस्थान के नागौर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के सांसद और जाट नेता हनुमान बेनीवाल भी खुलकर सिहाग के समर्थन में सामने आ गए हैं। इस घटना को लेकर प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के जरिए अपना विरोध दर्ज कराया। उन्होंने लिखा कि दलजीत सिहाग और उसके परिवार को प्रशासनिक और सरकारी स्तर पर लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। बेनीवाल ने कहा कि सिहाग के परिवार को हरसंभव मदद दी जाएगी और इस अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की जाएगी। उनके इस बयान के बाद जाट समाज और राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
दरअसल, दलजीत सिहाग की पत्नी अनिता सिहाग हाल ही में दिल्ली में सांसद हनुमान बेनीवाल से मिली थीं। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। अनिता सिहाग ने बताया कि 20 नवंबर को हांसी पुलिस ने उनके पति को हाथ-पांव में बेड़ियां पहनाकर बाजारों में परेड कराई थी। इस घटना के बाद से वह लगातार विभिन्न सामाजिक संगठनों, खाप पंचायतों और जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर समर्थन जुटा रही हैं।
अनिता सिहाग का आरोप है कि उनके पति ने हरियाणा जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान समाज के लिए संघर्ष किया था। उन्होंने कहा कि हरियाणा में ओपी सिंह के डीजीपी बनने के बाद नवंबर महीने में दलजीत सिहाग पर दो नए मुकदमे दर्ज किए गए, जिनमें गैंगस्टर एक्ट तक लगाया गया है। उनका कहना है कि यह सब एक साजिश के तहत किया जा रहा है, ताकि दलजीत को एक खतरनाक अपराधी के रूप में पेश किया जा सके।
अनिता ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस जानबूझकर उनके पति को सार्वजनिक रूप से अपमानित कर रही है। बेड़ियों में बांधकर बाजार में घुमाना मानवाधिकारों का उल्लंघन है और इससे न केवल सिहाग बल्कि पूरे परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि यदि उनके पति दोषी हैं तो कानून अपना काम करे, लेकिन इस तरह का व्यवहार किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।
इस मामले में खाप पंचायतों ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा की है और इसे जाट समाज का अपमान बताया है। अब सांसद हनुमान बेनीवाल के समर्थन में आने से मामला और अधिक राजनीतिक रंग लेता नजर आ रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे को लेकर आंदोलन और तेज हो सकता है।
फिलहाल, दलजीत सिहाग को बेड़ियों में परेड कराने का मामला कानून, मानवाधिकार और प्रशासनिक संवेदनशीलता के सवालों को लेकर केंद्र में आ गया है। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि सरकार और पुलिस प्रशासन इस बढ़ते दबाव के बीच क्या रुख अपनाते हैं।

