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देश में EV चार्जिंग की समस्या होगी दूर, वीडियो में देखें नेशनल हाईवे फॉर ईवी बनाएगा 3G एनर्जी स्टेशन, 30 मिनट में चार्ज होगी कार

देश में EV चार्जिंग की समस्या होगी दूर, वीडियो में देखें नेशनल हाईवे फॉर ईवी बनाएगा 3G एनर्जी स्टेशन, 30 मिनट में चार्ज होगी कार

देश में बढ़ते इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के उपयोग को देखते हुए अब चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने पर जोर दिया जा रहा है। इसी दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए नेशनल हाईवे फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल (NHEV) देश में पहली बार 3G एनर्जी स्टेशन तैयार करने जा रहा है। इन स्टेशनों की खास बात यह होगी कि इन्हें ग्रिड-फ्री बनाया जाएगा, यानी यहां चार्जिंग के लिए बिजली सीधे सोलर, विंड, थर्मल और हाइड्रोजन गैस से तैयार की जाएगी। इस अनोखे कॉन्सेप्ट से न केवल ईवी चार्जिंग की समस्या का समाधान होगा, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को भी बढ़ावा मिलेगा।

इन स्टेशन पर अत्याधुनिक 200 किलोवाट से 500 किलोवाट क्षमता वाले अल्ट्रा-फास्ट चार्जर लगाए जाएंगे। यह चार्जर इलेक्ट्रिक वाहनों को मात्र 30 मिनट से भी कम समय में 100 से 200 किलोमीटर तक चलने की रेंज प्रदान करने में सक्षम होंगे। इससे यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा के दौरान बैटरी खत्म होने की चिंता नहीं होगी और चार्जिंग का समय भी बेहद कम लगेगा।

यह प्रोजेक्ट देश के पहले नेशनल हाईवे फॉर इलेक्ट्रिक व्हीकल कॉरिडोर पर लागू किया जाएगा। शुरुआती चरण में दिल्ली-गुरुग्राम-जयपुर कॉरिडोर और दिल्ली-आगरा हाईवे पर 3G एनर्जी स्टेशनों की स्थापना की जाएगी। इन मुख्य मार्गों पर चार्जिंग व्यवस्था मजबूत होने से बड़ी संख्या में लोग इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के प्रति प्रोत्साहित होंगे।

नेशनल हाईवे फॉर ईवी का यह इनोवेटिव प्रोजेक्ट न केवल परिवहन को ग्रीन और किफायती बनाने में मदद करेगा बल्कि ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा कदम सिद्ध होगा। इन स्टेशनों पर पारंपरिक बिजली ग्रिड पर निर्भरता कम होने से बिजली खपत के दबाव में भी कमी आएगी। साथ ही, चार नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग से कार्बन फुटप्रिंट में उल्लेखनीय कमी आएगी।

इस महत्वाकांक्षी योजना पर आगे की रणनीति 5 दिसंबर को तय की जाएगी। गुरुग्राम के ग्वाल पहाड़ी स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोलर एनर्जी में एनएचईवी वर्किंग कमेटी की 7वीं बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें इन 3G एनर्जी स्टेशनों के निर्माण, लोकेशन चयन, तकनीकी मानकों और चरणबद्ध क्रियान्वयन को अंतिम रूप दिया जाएगा।

जानकारों का मानना है कि इस योजना के लागू होने के बाद देश की ई-वाहन नीति को नई गति मिलेगी। विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क मजबूत होने के बाद ईवी सेक्टर निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक होगा। इससे आने वाले वर्षों में देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है।

सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों का व्यापक उपयोग सुनिश्चित किया जाए। ऐसे में 3G एनर्जी स्टेशन जैसी पहलें इस लक्ष्य को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएंगी। यदि यह मॉडल सफल रहता है, तो इसे अन्य नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे पर भी लागू किया जा सकता है। इससे भारत न केवल ईवी चार्जिंग के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक नई मिसाल भी स्थापित करेगा।

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