Samachar Nama
×

डंकी रूट का खौफनाक सच, अमेरिका जाने के 13 वीडियो आए सामने, फुटेज में देखें 168 दिन का सफर बना दर्दनाक कहानी

डंकी रूट का खौफनाक सच, अमेरिका जाने के 13 वीडियो आए सामने, फुटेज में देखें 168 दिन का सफर बना दर्दनाक कहानी

अमेरिका जाने के सपने दिखाने वाला डंकी रूट कितना खतरनाक और अमानवीय है, इसका चौंकाने वाला सच सामने आया है। अमेरिका से डिपोर्ट होकर लौटे हरियाणा के कुरुक्षेत्र निवासी एक युवक ने डंकी रूट के दौरान अपने मोबाइल में बनाए 13 वीडियो सार्वजनिक किए हैं। इन वीडियो में अवैध तरीके से अमेरिका पहुंचने की कोशिश कर रहे युवाओं की पीड़ा, संघर्ष और जानलेवा हालात साफ दिखाई दे रहे हैं।

वीडियो में देखा जा सकता है कि बड़ी संख्या में युवा घने जंगलों से होकर गुजर रहे हैं। कई युवाओं के पैरों में छाले पड़े हुए हैं, जख्मों पर कीड़े रेंगते नजर आ रहे हैं। लंबे सफर और खाने-पीने की कमी के कारण अधिकतर युवा बेहद कमजोर और थके हुए दिखते हैं। रात के समय ये लोग सड़कों के किनारे या खुली जमीन पर लेटकर किसी तरह रात गुजारते हैं। न तो सिर छिपाने की जगह होती है और न ही सुरक्षा का कोई इंतजाम।

सबसे डरावना दृश्य कंटेनरों के अंदर का है। वीडियो में दिखाया गया है कि एक कंटेनर में 40 से 50 लोगों को ठूंस-ठूंस कर भरा गया। सभी को घंटों तक उकड़ू बैठकर सफर करना पड़ा, जहां सांस लेना तक मुश्किल हो जाता था। कई बार तो लोगों को बेहोशी तक आने लगी। डोंकरों यानी मानव तस्करों की मिनी बसों में भी अवैध प्रवासियों को इसी तरह भरा जाता था, जहां न तो हवा का इंतजाम था और न ही इंसानी हालात।

कुछ वीडियो में उफनती नदियों के बीच छोटी-छोटी नावों में लोगों को बैठाकर डंकी लगवाते हुए दिखाया गया है। जरा सी चूक होने पर जान जाने का खतरा बना रहता था। हैरानी की बात यह है कि इन खतरनाक रास्तों में सिर्फ युवा ही नहीं, बल्कि महिलाएं और छोटे बच्चे भी नजर आए। बच्चों की आंखों में डर और महिलाओं के चेहरों पर मजबूरी साफ झलक रही है।

हालांकि इन तमाम मुश्किलों और अमानवीय हालात के बीच भी वीडियो में युवा एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते नजर आते हैं। सुनहरे सपनों को सच करने की उम्मीद में वे जोश दिखाने की कोशिश करते हैं, लेकिन उनके चेहरे की थकान, आंखों के नीचे पड़े गहरे काले घेरे और लड़खड़ाती चाल यह साफ बयां कर देती है कि वे किस कदर यातनाएं झेल रहे थे।

डिपोर्ट हुए युवक के मुताबिक, यह पूरा सफर 168 दिनों में पूरा हुआ। इस दौरान उन्होंने कई देशों की सीमाएं पार कीं, जंगल, पहाड़, नदियां और रेगिस्तान झेले। हर कदम पर मौत का डर था, लेकिन बेहतर भविष्य की चाह उन्हें आगे बढ़ने को मजबूर करती रही।

इन वीडियो के सामने आने के बाद एक बार फिर डंकी रूट और मानव तस्करी के नेटवर्क पर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन और समाज के लिए यह गंभीर चेतावनी है कि विदेश जाने के सपने दिखाकर युवाओं को किस तरह जानलेवा रास्तों पर धकेला जा रहा है। यह कहानी सिर्फ एक युवक की नहीं, बल्कि उन हजारों युवाओं की है, जो बेहतर जिंदगी की तलाश में अपनी जान तक जोखिम में डाल देते हैं।

Share this story

Tags