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सब्जी उत्पादक सिंचाई और खाद का रखें विशेष ख्याल

सब्जी उत्पादक सिंचाई और खाद का रखें विशेष ख्याल

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन ने सब्जियों की खेती के लिए किसानों को अहम सुझाव दिए हैं। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अनुसार किसानों को मई माह में सिंचाई व निराई का ध्यान रखना चाहिए। बैंगन की फसल में गर्मी के महीनों में सिंचाई व निराई का ध्यान रखना चाहिए। फलों को कच्ची व मुलायम अवस्था में ही तोड़ लेना चाहिए तथा तोड़ते समय तेज चाकू या अन्य किसी औजार का प्रयोग करना उचित रहेगा ताकि शाखाएं टूटे नहीं। खड़ी फसलों में 28 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति एकड़ दो बार दें। पहली खुराक रोपाई के 30 दिन बाद तथा दूसरी खुराक 60 दिन बाद दें। टमाटर में रोपाई के तीन सप्ताह बाद खाद दें। किसानों को टमाटर की फसल में नाइट्रोजन उर्वरक दो बार देना चाहिए। पहली खुराक रोपाई के करीब 3 सप्ताह बाद तथा फिर पहली खुराक के एक महीने बाद देनी चाहिए। प्रत्येक बार प्रति एकड़ 12.5 किलोग्राम नाइट्रोजन (27 किलोग्राम यूरिया) दें। रस चूसने वाले कीटों को नियंत्रित करने के लिए 400 मिली मैलाथियान 50 ई.सी. प्रति एकड़ 200-250 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। फल खाने वाले कीटों के लिए 1 लीटर निंबिसाइड को 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।

मिर्च में फूल आने पर दवा का छिड़काव करें

मिर्च की खेती में फूल आने पर 40 मिली प्लेनोफिक्स या पौध वृद्धि रसायन को 150 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। इस दवा के प्रयोग से फल और फूल गिरने की समस्या काफी हद तक रुक जाती है। थ्रिप्स को नियंत्रित करने के लिए 400 मिली मैलाथियान 50 ई.सी. को 200-250 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें। 15-20 दिन बाद दोबारा छिड़काव करें। इस छिड़काव से मिर्च में वायरल रोगों से भी बचाव होगा।

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