सोनीपत ASI और कंप्यूटर ऑपरेटर गिरफ्तार, किसान को दे रहे थे धमकी, 40 हजार की ली रिश्वत

हरियाणा में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए सक्रिय एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) सोनीपत ने मंगलवार को एक बड़ी सफलता हासिल की। ब्यूरो ने हरियाणा पुलिस के प्रवर्तन निदेशालय (इनफोर्समेंट ब्यूरो) के सहायक उप-निरीक्षक (ASI) और एक निजी कंप्यूटर ऑपरेटर को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों ने एक किसान से उसके खेत में बने मकान को गिराने की धमकी देकर 40 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह मामला गांव बैंयापुर का है, जहां एक स्थानीय किसान ने शिकायत दी थी कि इनफोर्समेंट ब्यूरो के एक अधिकारी और उनके साथ कार्यरत निजी कंप्यूटर ऑपरेटर ने उसके खेत में बने मकान को अवैध बताते हुए तोड़ने की चेतावनी दी थी। आरोपियों ने कहा कि यदि वह कार्रवाई से बचना चाहता है, तो उन्हें 40,000 रुपये की रिश्वत देनी होगी। किसान ने इस पूरी घटना की सूचना एंटी करप्शन ब्यूरो को दी और उन्हें पूरे मामले की शिकायत सौंपी।
शिकायत मिलने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने योजना के तहत जाल बिछाया। शिकायतकर्ता को आरोपियों के बताए स्थान पर भेजा गया और जैसे ही आरोपियों ने रिश्वत की रकम ली, टीम ने मौके पर छापा मारकर दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों में एक सहायक उप-निरीक्षक (ASI) है, जो हरियाणा पुलिस के प्रवर्तन निदेशालय में तैनात है, जबकि दूसरा एक निजी कंप्यूटर ऑपरेटर है, जो उसकी मदद कर रहा था।
ब्यूरो अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और मामले की गहन जांच जारी है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि यह दोनों पहले भी कई बार किसानों और अन्य नागरिकों को डराकर अवैध वसूली कर चुके हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम अब इनके पिछले रिकॉर्ड और संभावित अन्य पीड़ितों की तलाश में जुट गई है।
ब्यूरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हरियाणा में भ्रष्टाचार पर सरकार की “जीरो टॉलरेंस” नीति है और किसी भी सरकारी कर्मचारी या उससे जुड़े व्यक्ति द्वारा रिश्वतखोरी या अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आम जनता से भी अपील की गई है कि वे किसी भी प्रकार की रिश्वत की मांग होने पर बिना डरे एंटी करप्शन ब्यूरो से संपर्क करें।
यह घटना न केवल प्रशासनिक तंत्र में फैले भ्रष्टाचार की पोल खोलती है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि अब ऐसे भ्रष्ट तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। सरकार और जांच एजेंसियों का यह कदम न केवल पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में अहम है, बल्कि यह समाज में भ्रष्टाचार के खिलाफ विश्वास भी मजबूत करता है।