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रामपाल का 14 साल का व्रत हुआ पूरा, वीडियो में देखें पीएम ने खुद झुककर पहनाए जूते

सोमवार को हरियाणा के यमुनानगर में एक ऐसा पल देखने को मिला जिसने हर किसी की आंखें नम कर दीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां एक जनसभा के दौरान रामपाल कश्यप नाम के व्यक्ति को अपने हाथों से जूते पहनाए। रामपाल पिछले 14 वर्षों से नंगे पांव चल रहे थे। उनकी यह न केवल श्रद्धा थी, बल्कि एक संकल्प भी—कि जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनते और वे उनसे खुद मिल नहीं लेते, तब तक वे जूते नहीं पहनेंगे।

14 साल की प्रतीक्षा का भावुक अंत

रामपाल कश्यप ने 2010 में यह संकल्प लिया था। उन्होंने तब कहा था कि जब तक मोदी जी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन जाते और वे उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं मिलते, तब तक वे जूते नहीं पहनेंगे। इस संकल्प के चलते रामपाल गर्मी, सर्दी, बरसात हर मौसम में नंगे पांव चलते रहे।

सोमवार को यमुनानगर में पीएम मोदी की सभा के दौरान उन्हें यह बात पता चली, तो उन्होंने रामपाल को मंच पर बुलवाया। मंच पर आते ही प्रधानमंत्री ने झुककर अपने हाथों से रामपाल को जूते पहनाए, जिससे सभा में मौजूद हजारों लोग भावुक हो उठे और तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा माहौल गूंज उठा।

पीएम मोदी ने कहा: "ये मेरे लिए भी सम्मान का क्षण है"

रामपाल को जूते पहनाते हुए पीएम मोदी ने कहा, "यह सिर्फ एक व्यक्ति की आस्था नहीं, बल्कि भारत के आम नागरिक की भावना है, जो देश और नेतृत्व पर अटूट विश्वास रखता है। रामपाल जी ने जो तप किया है, वह मेरे लिए भी प्रेरणा है। मैं उन्हें नमन करता हूं।"

प्रधानमंत्री के इस कदम की सोशल मीडिया पर भी जमकर सराहना हो रही है। लोग इसे मानवीयता, सरलता और नेतृत्व के प्रति जनता की आस्था का प्रतीक बता रहे हैं।

कौन हैं रामपाल कश्यप?

रामपाल कश्यप यमुनानगर जिले के एक सामान्य नागरिक हैं, जो राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, लेकिन पीएम मोदी के प्रशंसक हैं। उन्होंने 2010 में नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों और भाषणों से प्रभावित होकर यह संकल्प लिया था। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

रामपाल का कहना है, "मैंने ठान लिया था कि जब तक मोदी जी खुद मुझे जूते नहीं पहनाएंगे, मैं नंगे पांव ही रहूंगा। आज मेरा संकल्प पूरा हुआ है। यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा दिन है।"

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