छत्तीसगढ़ में बढ़ते दबाव से घबराए माओवादी दंपती ने किया सरेंडर, 33 लाख के इनामी थे दोनों
छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे लगातार आक्रामक अभियानों के चलते माओवादियों में हड़कंप मचा हुआ है। इसी दबाव का असर यह रहा कि बुधवार को तेलंगाना में 25 लाख रुपये के इनामी माओवादी माला संजीव उर्फ लेंगू दादा और उसकी पत्नी 8 लाख की इनामी महिला नक्सली पेरुगुला पार्वती उर्फ दीना ने राचकोंडा पुलिस आयुक्त कार्यालय में आत्मसमर्पण कर दिया।
लंबे समय से सक्रिय था माओवादी दंपती
माला संजीव उर्फ लेंगू दादा छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर लंबे समय से सीपीआई (माओवादी) संगठन के शीर्ष नेतृत्व में कार्यरत था। वह कई बड़े नक्सली हमलों और सुरक्षा बलों पर घातक हमलों का मास्टरमाइंड रह चुका है। उसकी पत्नी दीना भी माओवादी संगठन की सक्रिय सदस्या थी और विभिन्न ऑपरेशनों में शामिल रही है।
छत्तीसगढ़ के बस्तर अंचल में था दबदबा
यह दंपती विशेष रूप से दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा और नारायणपुर जैसे नक्सल प्रभावित जिलों में संगठनात्मक और रणनीतिक गतिविधियों में शामिल रहा है। छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की ओर से लंबे समय से इनकी तलाश की जा रही थी।
क्यों किया सरेंडर?
सूत्रों के मुताबिक, हाल के महीनों में छत्तीसगढ़ में माओवादियों के खिलाफ चल रहे सघन अभियानों के कारण माओवादी संगठन को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। लगातार एनकाउंटर, गिरफ्तारी और हथियार बरामदगी से संगठन की रीढ़ टूट रही है। इसी दबाव और सुरक्षित जीवन की चाह में इस दंपती ने सरेंडर का फैसला लिया।
पुलिस ने सराहा, पुनर्वास योजना का लाभ
तेलंगाना पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस आत्मसमर्पण को सुरक्षा बलों की रणनीतिक सफलता बताया है। उन्होंने कहा कि सरेंडर करने वाले माओवादियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सभी जरूरी सहायता दी जाएगी। इस दंपती को भी कानून के दायरे में रहते हुए पुनर्वास और समाज की मुख्यधारा में लौटने का अवसर दिया जाएगा।

