हरियाणा SGPC के मुख्यालय में अलग-अलग दिखा झींडा और दादूवाल धड़ा, दोनों ने अलग-अलग की प्रेसवार्ता

हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एचएसजीएमसी) के नवनियुक्त अध्यक्ष जगदीश सिंह जिंदा और धर्म प्रचार समिति के अध्यक्ष बलजीत सिंह दादूवाल के बीच गुटबाजी जारी है। शुक्रवार को दोनों गुटों ने मुख्यालय में एक ही समय पर अलग-अलग प्रेस कांफ्रेंस बुलाई। अलग-अलग प्रेस कांफ्रेंस बुलाने के सवाल पर जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि उन्होंने सुबह ही प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी, उस समय उन्हें नहीं पता था कि मुख्यालय भी पहुंच जाएगा। एचएसजीएमसी कार्यकारिणी के चुनाव में दोनों गुट एकजुट हुए थे। अब इन्हें अलग देखकर कई तरह की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं। दादूवाल ने मीरी-पीरी संस्था की सेवाएं संभालने को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिलने की बात कही, जबकि अध्यक्ष जगदीश सिंह जिंदा इस सवाल के जवाब में चुप्पी साध गए। हरियाणा समिति एचएसजीएमसी के पूर्व अध्यक्ष एवं सदस्य जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि 6 जून को छोटा घल्लूघारा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के पदाधिकारियों द्वारा मीरी-पीरी अस्पताल के बारे में बयानबाजी करना अनुचित है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार, हरियाणा समिति का प्रदेश में एसजीपीसी की सभी चल-अचल संपत्तियों पर अधिकार है तथा गुरुद्वारा श्री मस्तगढ़ शाहबाद की भूमि पर बने मीरी-पीरी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल को निजी ट्रस्ट बनाकर चलाया जा रहा है। कानूनी अड़चनों के कारण इसके रखरखाव में देरी हो रही है, जल्द ही इसका रखरखाव अपने हाथ में ले लिया जाएगा।
सिखों पर 1984 में हुए अत्याचारों को लेकर बांधी काली पट्टी
नवनियुक्त अध्यक्ष जगदीश सिंह जिंदा ने कहा कि वे धन-धन साहिब गुरु हरगोबिंद साहिब महाराज के प्रकाश पर्व के अवसर पर गुरुद्वारा छठी पातशाही में आयोजित सात दिवसीय समागम में आए हैं। उन्होंने कहा कि 1984 में सिखों पर हुए अत्याचारों को याद करते हुए सिखों ने शुक्रवार को काली पट्टी व काली पगड़ी बांधी है।
उन्होंने कहा कि 6 जून 1984 को तत्कालीन सरकार के आदेश पर अमृतसर में हरमंदिर साहिब पर कार्रवाई की गई थी। उन्होंने जरनैल सिंह भिंडरावाले व अन्य को संत व शहीद बताते हुए कहा कि उन्हें याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि खालसा कौम हमेशा चढ़दी कलां में रही है और हमेशा रहेगी। उन्होंने कहा कि सिख कौम में जो मिसाल देखने को मिलती है, वह कहीं और देखने को नहीं मिलती। सिख कौम अपने गुरुओं के पदचिन्हों पर चल रही है। इस मौके पर कार्यकारिणी सदस्य करनैल सिंह निमनाबाद व ऑफिस पीए सतपाल सिंह डाचर मौजूद थे।