राज्य सरकार ने आज शहरी स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लोगों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने के लिए आरक्षण देने का निर्णय लिया। यह निर्णय मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में यहाँ हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
मंत्रिमंडल ने आरक्षण रोस्टर को अंतिम रूप देने से पहले पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के सटीक आँकड़े एकत्र करने हेतु पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन को मंज़ूरी दी। दूरस्थ और आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने के लिए, मंत्रिमंडल ने 290 अतिरिक्त आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति को मंज़ूरी दी।
भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ से हुई व्यापक तबाही को देखते हुए, मंत्रिमंडल ने राहत शिविरों में रह रहे प्रभावित परिवारों को किराए के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए पूर्वव्यापी मंज़ूरी दे दी। इन परिवारों को ग्रामीण क्षेत्रों में 5,000 रुपये प्रति माह और शहरी क्षेत्रों में 10,000 रुपये प्रति माह की दर से उनके बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से अधिकतम छह महीने के लिए किराया सहायता प्राप्त होगी।
मंत्रिमंडल ने 50 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक पर्यटन निवेश संवर्धन परिषद की स्थापना को भी मंजूरी दी। परिषद 30 दिनों के भीतर मामलों का निपटारा करेगी।
निर्माण इकाइयों में अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए, डिस्टिलरी, बॉटलिंग और ब्रुअरी संयंत्रों में दो-दो होमगार्ड जवान तैनात करने का निर्णय लिया गया। मंत्रिमंडल ने ऐसे संयंत्रों में एक राज्य कर एवं आबकारी अधिकारी की नियुक्ति को भी मंजूरी दी, जिनका एक निर्धारित समय के बाद उसी जिले में अनिवार्य रूप से रोटेशन होगा।

