
हरियाणा में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा 1 अगस्त से एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) लागू करने के फैसले के खिलाफ कर्मचारी उग्र हो गए हैं। वे इस फैसले के खिलाफ 9 जुलाई को हड़ताल करने की योजना बना रहे हैं। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने हितधारकों (कर्मचारियों) से बातचीत किए बिना एकतरफा यूपीएस लागू करने का फैसला किया है, जिससे कर्मचारियों में काफी नाराजगी है। लांबा ने कहा, "इस फैसले का 9 जुलाई को हड़ताल सहित विभिन्न लोकतांत्रिक तरीकों से पुरजोर विरोध किया जाएगा।" उन्होंने दावा किया कि सरकार ने कर्मचारियों को नई पेंशन योजना (एनपीएस) और पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के बीच चयन करने का विकल्प देने का फैसला किया था, जिसे जनवरी 2006 से लागू किया जाना था। हालांकि, सरकार अपने वादे से पीछे हटती दिख रही है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार वाकई कर्मचारियों के हितैषी है, तो उसे कर्मचारियों को ओपीएस, एनपीएस और यूपीएस के बीच चयन करने का विकल्प देना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और केंद्र व राज्य सरकार के कर्मचारी संघों के महासंघों ने 9 जुलाई को हड़ताल की घोषणा की है। पीएफआरडीए एक्ट को निरस्त कर पुरानी पेंशन की बहाली उनकी मुख्य मांग है। उन्होंने कहा कि यूपीएस को एकतरफा लागू करने के खिलाफ पेंशन बहाली संघर्ष समिति समेत प्रदेश के सभी कर्मचारी संगठन एकजुटता के साथ 9 जुलाई की हड़ताल को प्रदेश में सफल बनाकर सरकार को मुंहतोड़ जवाब देंगे।